Gautam Adani News: अडानी ग्रुप, जो देश और दुनिया में बुनियादी ढांचा विकास में अग्रणी है, ने आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया में 73% हिस्सेदारी खरीदने की योजना बनाई है। 5,759 करोड़ रुपए (लगभग 685 मिलियन डॉलर) में यह अधिग्रहण समूह को इन-हाउस इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) के साथ-साथ सिविल इंजीनियरिंग की क्षमताएं प्रदान करेगा। गौतम अडानी के नेतृत्व में, यह समूह अपनी व्यावसायिक विविधता को और मजबूत करने के लिए इस डील को एक महत्वपूर्ण कदम मान रहा है।
आईटीडी सीमेंटेशन के साथ समझौता: अधिग्रहण की मुख्य शर्तें
इस अधिग्रहण के लिए अडानी प्रमोटर परिवार की पूर्ण स्वामित्व वाली यूनिट, रिन्यू एक्जिम डीएमसीसी, ने आईटीडी सीमेंटेशन के प्रमोटर इटैलियनथाई डेवलपमेंट पब्लिक कंपनी से 46.64% हिस्सेदारी (80.1 मिलियन शेयर) को 400 रुपए प्रति शेयर की दर पर खरीदने के लिए समझौता किया है। इस हिस्सेदारी की कीमत 3,204 करोड़ रुपए है।इसके बाद, अडानी समूह छोटे शेयरधारकों से 571.68 रुपए प्रति शेयर के आधार पर अतिरिक्त 26% हिस्सेदारी के लिए ओपन ऑफर करेगा, जिससे कंपनी में 73% तक की हिस्सेदारी हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा। यदि ओपन ऑफर पूरा होता है, तो इस अधिग्रहण के बाद अडानी समूह का कुल निवेश 5,759 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।
अडानी समूह के लिए यह डील क्यों खास है?
आईटीडी सीमेंटेशन का भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह कंपनी दिल्ली और कोलकाता मेट्रो परियोजनाओं, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट और मुंद्रा, तूतीकोरिन, हल्दिया, और विझिनजाम में बंदरगाह विकास परियोजनाओं में काम कर चुकी है। यह अधिग्रहण अडानी समूह की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मजबूत करेगा और इसे पोर्ट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा और रियल एस्टेट क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देगा।आईटीडी सीमेंटेशन ने अपने फाइलिंग में बताया है कि इस अधिग्रहण के बाद अडानी समूह को समुद्री संरचनाओं, जल विद्युत, और एक्सप्रेसवे निर्माण जैसी परियोजनाओं में व्यापक समर्थन मिलेगा।
आईटीडी सीमेंटेशन के शेयर प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाएं
आईटीडी सीमेंटेशन की ऑर्डर बुक का 34.5% हिस्सा समुद्री संरचनाओं के प्रोजेक्ट्स से आता है, जो इसे इसका सबसे बड़ा वर्टिकल बनाता है। इसमें घाट, कंटेनर टर्मिनल, बर्थ, और तेल जेटी जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। इस साल आईटीडी सीमेंटेशन के शेयरों में 86.82% की बढ़ोतरी हुई है, और कंपनी का बाजार मूल्य लगभग 9,152.8 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। जुलाई में कंपनी ने बताया था कि प्रमोटर समूह अपने निवेश को संभावित रूप से बेचने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जिससे अडानी का यह अधिग्रहण संभव हो पाया है।
प्रतिस्पर्धा और अधिग्रहण में अडानी की जीत
इस डील में अडानी ग्रुप ने अबू धाबी की एक प्रमुख ड्रेजिंग कंपनी और भारत के आरपीजी समूह की केईसी इंटरनेशनल जैसी प्रतिस्पर्धी बोलियों को मात दी है। यह कंपनी 90 वर्षों से भारत में सक्रिय है और समुद्री संरचनाओं, हवाई अड्डों, राजमार्गों, सुरंगों, जलविद्युत परियोजनाओं, और औद्योगिक निर्माण क्षेत्रों में अपनी खास पहचान बना चुकी है।
अडानी के अधिग्रहण में एक नया अध्याय
यह अधिग्रहण इस वर्ष अडानी समूह के लिए एक और रणनीतिक कदम साबित होगा। इस साल अडानी समूह ने कई अधिग्रहण किए हैं, जिससे उसकी बुनियादी ढांचे, निर्माण और औद्योगिक विकास में अग्रणी स्थिति मजबूत हुई है। आईटीडी सीमेंटेशन का अधिग्रहण अडानी के विस्तृत इकोसिस्टम को तकनीकी ताकत और औद्योगिक विशेषज्ञता से सशक्त करेगा, जिससे समूह को अपने दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण सहारा मिलेगा।