Zee News : Sep 16, 2020, 09:03 AM
कठुआ: जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और नागरिक प्रशासन के संयुक्त प्रयास से अंतरराष्ट्रीय सीमा की ‘जीरो लाइन’ पर 18 वर्ष के अंतराल के बाद खेती शुरू हुई।पहाड़पुर से हीरानगर सेक्टर में स्थित लोंदी तक बाड़ के समीप 22 सीमावर्ती जिलों में फैली आठ हजार एकड़ भूमि में पाकिस्तान की ओर से आए दिन होने वाले संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन के चलते सीमा पर रहने वाले निवासी नहीं जाते।यहां उगने वाली जंगली वनस्पति से पाकिस्तान की ओर से आने वाले घुसपैठियों को छुपने और सुरंग बनाने में सहायता मिलती है।कठुआ के जिला विकास अधिकारी ओ पी भगत ने कहा, ‘उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देश पर, प्रशासन ने बीएसएफ के सहयोग से खेती करना शुरू किया है।‘पाकिस्तान की तरफ के किसान जीरो लाइन के पास तक खेती करते हैं लेकिन इस पार के किसानों ने गोलाबारी के डर से खेती करना बंद कर दिया था जिससे भारी नुकसान हो रहा था।भगत ने कहा, ‘पहले चरण में डेढ़ सौ एकड़ भूमि पर खेती की जाएगी। यह प्रक्रिया तब तक चलती रहेगी जब तक पूरी आठ हजार एकड़ जमीन पर खेती शुरू नहीं हो जाती।‘सीमा के पास खेती के लिए बीएसएफ ने बुलेट प्रूफ ट्रेक्टर और अन्य सुरक्षा इंतजाम किए हैं।