Ashish Shelar: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में बड़े बदलावों का सिलसिला जारी है। हाल ही में
जय शाह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन की कुर्सी संभालने के बाद बीसीसीआई सचिव का पद छोड़ा था, जिसे
देवजीत सैकिया को कार्यवाहक सचिव के रूप में नियुक्त कर भरा गया। लेकिन अब बीसीसीआई में एक और अहम बदलाव की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
आशीष शेलार बने महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री
बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष और भाजपा नेता
आशीष शेलार ने हाल ही में
महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। यह घटना बीसीसीआई के अंदर संभावित बदलाव का संकेत दे रही है, क्योंकि अब शेलार का कोषाध्यक्ष पद खाली हो सकता है। हालांकि, इसके पीछे की स्थिति जटिल है, क्योंकि
भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2016 में लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार, मंत्री या लोक सेवक बीसीसीआई के पदाधिकारी नहीं हो सकते।
संवैधानिक संशोधन ने बदला खेल
2022 में सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के संविधान में संशोधन की अनुमति दी, जिससे विधायकों और मंत्रियों के लिए बोर्ड में पदाधिकारी बनने का रास्ता साफ हो गया। इसी संशोधन के आधार पर
आशीष शेलार ने अक्टूबर 2022 में बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष का पद संभाला। अब, कैबिनेट मंत्री बनने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या शेलार कोषाध्यक्ष के पद पर बने रहते हैं या यह पद खाली होता है।
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन में निभाई अहम भूमिका
आशीष शेलार का क्रिकेट प्रशासन में अनुभव व्यापक है। उन्होंने 2015 में
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला और 2017 में अध्यक्ष बने। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष के रूप में, उन्होंने वित्तीय मामलों में अपनी मजबूत पकड़ का प्रदर्शन किया और बोर्ड के कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बोर्ड में बदलाव का सिलसिला जारी
जय शाह के आईसीसी चेयरमैन बनने और सचिव पद से इस्तीफा देने के बाद बीसीसीआई में पहले ही एक बड़ा बदलाव हो चुका है। अब, कोषाध्यक्ष के पद को लेकर भी नए घटनाक्रम सामने आ रहे हैं। यदि शेलार को कैबिनेट मंत्री बनने के बाद कोषाध्यक्ष पद छोड़ना पड़ता है, तो बीसीसीआई को जल्द ही नया कोषाध्यक्ष चुनना होगा।
क्या शेलार के अनुभव को मिलेगा महत्व?
हालांकि, आशीष शेलार के पास बोर्ड के कामकाज का गहरा अनुभव है। उनके समर्थकों का मानना है कि वह कैबिनेट मंत्री बनने के बावजूद अपने वर्तमान पद पर बने रह सकते हैं। अगर ऐसा होता है, तो बीसीसीआई को वित्तीय मामलों में उनकी विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।
आने वाले समय में स्थिति होगी स्पष्ट
बीसीसीआई में यह बदलाव न केवल संगठनात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट की प्रशासनिक संरचना को भी प्रभावित करेगा। जय शाह के आईसीसी चेयरमैन बनने और संभावित रूप से कोषाध्यक्ष पद के खाली होने की स्थिति में, बोर्ड में नए चेहरों के आने की संभावना बढ़ गई है।आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या शेलार अपने दोनों पदों को संभालते हैं या बीसीसीआई में एक और बड़ा बदलाव होता है। भारतीय क्रिकेट प्रशंसक और प्रशासनिक हल्के इस घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए हैं।