लखनऊ / विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी समेत सभी आरोपी सीबीआई कोर्ट से बरी

विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया। गौरतलब है कि 29 नवंबर, 2005 को गाज़ीपुर (उत्तर प्रदेश) के मोहम्मदाबाद से विधायक राय व उनके 6 समर्थकों की कुछ बंदूकधारी लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

Twitter : Jul 03, 2019, 05:45 PM
लखनऊ. उत्तरप्रदेश के भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में कोर्ट ने बुधवार को बसपा विधायक मुख्तार अंसारी समेत सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। राय की हत्या 2005 में हुई थी और सीबीआई कोर्ट इसकी सुनवाई कर रहा था। मुख्तार के वकील ने बताया कि सरकारी वकील कोई भी आरोप साबित नहीं कर पाए।

हत्या के अन्य आरोपियों में अंसारी के भाई और सांसद अफजाल अंसारी, संजीव माहेश्वरी, एजाजुल हक, राकेश पांडेय, रामू मल्लाह, मंसूर अंसारी और मुन्ना बजरंगी शामिल हैं। बजरंगी की जुलाई, 2018 में बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

भाजपा विधायक के काफिले पर हमला हुआ था

29 नवंबर 2005 को गाजीपुर में हमलावरों ने कृष्णानंद राय और उनके छह साथियों की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। मृतकों में मोहम्दाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्याम शंकर राय, भांवरकोल ब्लॉक के मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव और उनके अंगरक्षक निर्भय नारायण उपाध्याय थे। सभी 7 मृतकों के शरीर में 67 गोलियां मिली थीं। 

राजनाथ सिंह ने दिया था धरना

इस हत्याकांड के विरोध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चंदौली में धरना दिया था। इसके बाद केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई। सीबीआई ने मुख्तार अंसारी को मुख्य साजिशकर्ता माना था। मुख्तार मऊ विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुके हैं। 2005 में मऊ में भड़की हिंसा में नाम सामने आने पर उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया था, तब से जेल में हैं।