GST on Used Cars / 6 लाख की गाड़ी क्या 1 लाख में बेचने पर देनी होगी 90,000 की GST?

यूज्ड ईवी गाड़ियों पर 18% जीएसटी लगाने के फैसले से भ्रम बढ़ा। दरअसल, यह टैक्स पर्सनल सेल पर नहीं, बल्कि डीलर के प्रॉफिट मार्जिन पर लागू है। नए नियम से सेकेंड-हैंड ईवी महंगी हो सकती हैं, जबकि नई ईवी पर केवल 5% जीएसटी है। बाजार पर इसका असर होगा।

Vikrant Shekhawat : Dec 24, 2024, 02:37 PM
GST on Used Cars: हाल ही में जीएसटी काउंसिल के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें पुरानी ईवी गाड़ियों की रीसेल पर 18% जीएसटी लगाने की बात कही गई है। पोस्ट में दावा किया गया कि अगर किसी ने गाड़ी 6 लाख रुपये में खरीदी और 1 लाख रुपये में बेची, तो 5 लाख के अंतर पर 18% टैक्स यानी 90,000 रुपये देना होगा। इससे जनता में भ्रम फैल गया है। लेकिन क्या वास्तव में ऐसा है? आइए इस मामले को विस्तार से समझते हैं।

क्या है असल फैसला?

55वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह फैसला किया गया कि पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की रीसेल पर लगने वाला जीएसटी 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया जाएगा। हालांकि, यह टैक्स केवल उन डीलरों और व्यापारियों पर लागू होगा जो पुरानी गाड़ियों के व्यापार में हैं। व्यक्तिगत रूप से अपनी कार बेचने वाले लोगों पर यह टैक्स लागू नहीं होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे उदाहरण से समझाया:

  • यदि कोई डीलर 9 लाख रुपये में गाड़ी खरीदता है और उसे 10 लाख रुपये में बेचता है, तो टैक्स सिर्फ 1 लाख रुपये के प्रॉफिट पर लगेगा।
  • व्यक्तिगत लेनदेन, जैसे दोस्त, रिश्तेदार या परिचित के बीच गाड़ी बेचना, इस जीएसटी के दायरे में नहीं आएगा।

गलतफहमियों का कारण

काउंसिल की घोषणा के बाद कई लोगों ने इसे गलत तरीके से समझा और माना कि व्यक्तिगत रूप से पुरानी गाड़ी बेचने पर भी टैक्स देना होगा।

  • मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट्स और वीडियो ने इस भ्रम को और बढ़ा दिया।
  • असल में, टैक्स केवल व्यापारियों के प्रॉफिट मार्जिन पर लागू होगा, व्यक्तिगत लेनदेन पर नहीं।

पुरानी ईवी पर टैक्स: कौन देगा और कौन नहीं?

1. व्यक्तिगत विक्रेता (Individual Seller):

यदि आप अपनी गाड़ी किसी दोस्त, रिश्तेदार, या जानकार को घाटे में बेचते हैं, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।
उदाहरण:

  • आपने गाड़ी 18 लाख रुपये में खरीदी और 13 लाख रुपये में बेची।
  • इस पर जीएसटी लागू नहीं होगा।

2. डीलर और व्यापारिक वेंचर:

यदि कोई डीलर गाड़ी 13 लाख रुपये में खरीदता है और 17 लाख रुपये में बेचता है, तो जीएसटी केवल 4 लाख रुपये के मुनाफे पर लगेगा।

इस फैसले का बाजार पर प्रभाव

  1. डीलर्स पर दबाव:
    डीलर के प्रॉफिट पर टैक्स लगने से सेकेंड-हैंड ईवी गाड़ियों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
  2. नए ईवी के मुकाबले चुनौती:
    जहां नए ईवी पर केवल 5% जीएसटी लगता है, वहीं पुरानी ईवी की रीसेल पर 18% का टैक्स प्रॉफिट मार्जिन पर लागू होगा।
  3. खरीदारों के लिए महंगे सौदे:
    सेकेंड-हैंड ईवी की बढ़ती कीमतें खरीदारों को नए ईवी की ओर आकर्षित कर सकती हैं।

निष्कर्ष

पुरानी ईवी गाड़ियों पर 18% जीएसटी केवल डीलरों के प्रॉफिट मार्जिन पर लागू है। व्यक्तिगत रूप से गाड़ी बेचने वाले लोगों पर यह टैक्स लागू नहीं होता। इस फैसले से सेकेंड-हैंड ईवी मार्केट को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन व्यक्तिगत विक्रेताओं को चिंता करने की जरूरत नहीं है।

सरकार को चाहिए कि इस भ्रम को दूर करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करे ताकि आम जनता सही जानकारी के आधार पर फैसले ले सके।