Nirmala Sitharaman / GST की दर और होगी कम, एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कही ये बात

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी दरों और स्लैब को तर्कसंगत बनाने का कार्य अंतिम चरण में है। राजस्व तटस्थ दर 2017 में 15.8% से घटकर 2023 में 11.4% हुई है। मंत्री समूह की समीक्षा के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संकेत दिया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें और कम की जाएंगी। उन्होंने बताया कि जीएसटी की कर दरों और स्लैब को युक्तिसंगत बनाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इसके तहत, कर प्रणाली को सरल बनाने और करदाताओं पर बोझ कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

जीएसटी की दरों में गिरावट

सीतारमण ने कहा कि राजस्व तटस्थ दर (आरएनआर), जो जीएसटी की शुरुआत के समय 1 जुलाई 2017 को 15.8 प्रतिशत थी, वह 2023 में घटकर 11.4 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह दर और भी कम होने की संभावना है, जिससे उपभोक्ताओं और व्यापारियों को राहत मिलेगी।

मंत्रियों के समूह की समीक्षा के बाद होगा अंतिम निर्णय

जीएसटी परिषद ने सितंबर 2021 में मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन किया था, जिसे जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने और स्लैब में बदलाव का सुझाव देने का कार्य सौंपा गया था। वित्त मंत्री ने बताया कि इन समूहों ने सराहनीय कार्य किया है, लेकिन अंतिम निर्णय लेने से पहले उनकी पूरी समीक्षा की जाएगी।

उन्होंने कहा, "मैंने प्रत्येक समूह के कार्यों की पूरी तरह से समीक्षा करने का बीड़ा उठाया है और इसके बाद इसे परिषद के समक्ष प्रस्तुत करूंगी। इसके बाद इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि क्या बदलाव किए जा सकते हैं।" यह बयान दर्शाता है कि सरकार जीएसटी प्रणाली को अधिक सरल और प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

अगली परिषद बैठक में हो सकता है अंतिम निर्णय

सीतारमण ने कहा कि कुछ और सुधारों की आवश्यकता है और यह विषय अगली जीएसटी परिषद बैठक में रखा जाएगा। उन्होंने कहा, "हम कुछ महत्वपूर्ण विषयों जैसे कर दरों में कमी, स्लैब की संख्या को तर्कसंगत बनाना आदि पर निर्णय लेने के करीब हैं।" इससे संकेत मिलता है कि करदाताओं के लिए नई राहत की घोषणा जल्द ही हो सकती है।

शेयर बाजार को लेकर वित्त मंत्री की टिप्पणी

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि इस पर टिप्पणी करना वैसा ही होगा जैसे यह पूछना कि क्या दुनिया शांत हो जाएगी, युद्ध समाप्त हो जाएंगे, या लाल सागर पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में खुदरा निवेशकों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बयान सरकार की आर्थिक सुधार योजनाओं और निवेशकों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

निष्कर्ष

वित्त मंत्री के बयान से स्पष्ट है कि सरकार जीएसटी प्रणाली को अधिक सरल और प्रभावी बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। जीएसटी दरों में संभावित कटौती से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, वहीं व्यवसायों को भी कर अनुपालन में आसानी होगी। आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिए जाने की संभावना है।