Share Market Crash / वित्त मंत्री का बाजार की गिरावट पर आया बयान, कहा- डरने की नहीं है जरूरत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विदेशी निवेशकों (FIIs) की बिकवाली से घबराने की जरूरत नहीं है। भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है और बाजार की गिरावट अस्थायी है। अमेरिका की टैरिफ धमकी और वैश्विक अनिश्चितता के चलते FIIs मुनाफावसूली कर रहे हैं। सरकार सुधारों पर ध्यान दे रही है।

Share Market Crash: हाल ही में मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा भारतीय शेयर बाजार में की जा रही बिकवाली को लेकर आश्वस्त किया कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है और इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक अस्थायी स्थिति है और भारतीय बाजार इन उतार-चढ़ावों से उबरने में सक्षम है।

बाजार में गिरावट: प्रमुख कारण

वर्तमान में भारतीय शेयर बाजार बिकवाली के दौर से गुजर रहा है, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा है। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं:

  1. अमेरिका की टैरिफ नीति: अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ और व्यापारिक नीतियों में बदलाव के कारण वैश्विक बाजार में अस्थिरता देखी जा रही है।

  2. सोने के दामों में वृद्धि: निवेशकों का रुझान सुरक्षित संपत्तियों की ओर बढ़ रहा है, जिससे वे शेयर बाजार से धन निकालकर सोने में निवेश कर रहे हैं।

  3. विदेशी निवेशकों की बिकवाली: पिछले 45-46 दिनों में विदेशी निवेशकों ने औसतन प्रतिदिन 2,150 करोड़ रुपये निकाले हैं, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा है।

  4. जनवरी 2024 में 78,000 करोड़ रुपये की निकासी: यह आंकड़ा बताता है कि विदेशी निवेशक बड़ी मात्रा में मुनाफावसूली कर रहे हैं, जिसका सीधा असर दलाल स्ट्रीट पर देखा जा सकता है।

वित्त मंत्री का बयान: भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत

वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि जब भी वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता होती है, विदेशी निवेशक अपने निवेश को सुरक्षित करने के लिए बिकवाली करते हैं। यह केवल भारतीय बाजार में ही नहीं, बल्कि सभी उभरते बाजारों में देखा जाता है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत स्थिति में है और निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।

नए इनकम टैक्स बिल पर सुझाव

वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार को नए इनकम टैक्स बिल पर 60,000 से ज्यादा सुझाव मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार आर्थिक सुधारों पर गंभीरता से कार्य कर रही है। साथ ही, MSME सेक्टर को मजबूत करने के लिए हर क्लस्टर में SIDBI की शाखाएं खोलने की योजना बनाई जा रही है।

निष्कर्ष

शेयर बाजार में अस्थिरता कोई नई बात नहीं है। ग्लोबल टेंशन और नीतिगत बदलावों के कारण समय-समय पर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती रहती है। हालांकि, भारत की अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और सरकार सभी सेक्टरों के विकास पर ध्यान दे रही है। निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि दीर्घकालिक निवेश पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।