Ambani-Adani Net Worth / अंबानी और अडानी 100 बिलियन डॉलर के क्लब से बाहर हुए, ये है वजह

एशिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल मुकेश अंबानी और गौतम अडानी, ब्लूमबर्ग के $100 बिलियन क्लब से बाहर हो गए हैं। व्यापारिक समस्याओं और कमजोर प्रदर्शन के कारण दोनों की संपत्ति घटी है। अंबानी की संपत्ति $96.7 बिलियन और अडानी की $82.1 बिलियन हो गई है। आने वाले समय में नई चुनौतियां संभावित हैं।

Vikrant Shekhawat : Dec 16, 2024, 07:40 PM
Ambani-Adani Net Worth: भारत के सबसे अमीर और विश्व-प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। एशिया के इन दो बड़े दिग्गजों ने हाल ही में वैश्विक 100 बिलियन डॉलर (लगभग 8.49 लाख करोड़ रुपये) के क्लब से अपनी जगह खो दी है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, व्यापारिक चुनौतियों और बढ़ते दबावों के चलते उनकी संपत्ति में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह घटना न केवल भारतीय आर्थिक जगत के लिए बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संकेत है।

मुकेश अंबानी: क्यों घटी संपत्ति?

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, जो लंबे समय से एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में पहचान रखते थे, उनकी कुल संपत्ति में 2024 के दौरान बड़ी गिरावट देखी गई। जुलाई 2024 में उनकी कुल संपत्ति $120.8 बिलियन (10 लाख करोड़ रुपये से अधिक) थी, जो अब घटकर $96.7 बिलियन (लगभग 8.21 लाख करोड़ रुपये) रह गई है।

इसके पीछे मुख्य कारण:

  1. रिटेल और एनर्जी डिवीजन्स का प्रदर्शन: रिलायंस के रिटेल और एनर्जी सेक्टर में अपेक्षा के अनुरूप प्रगति नहीं हो पाई, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ी।
  2. बढ़ता कर्ज: कंपनी के कर्ज के बढ़ते आंकड़ों ने भी निवेशकों के भरोसे को कमजोर किया।
  3. वैश्विक प्रतिस्पर्धा: रिलायंस को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बड़ी कंपनियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा, अंबानी परिवार के व्यक्तिगत खर्च और निवेश की रणनीति में भी बदलाव की आवश्यकता महसूस की जा रही है। उदाहरण के तौर पर, उनके बेटे अनंत की जुलाई में हुई भव्य शादी, जो मीडिया की सुर्खियों में रही, को भी कई वित्तीय विश्लेषकों ने कंपनी के निवेश निर्णयों के संदर्भ में जोड़ा है।

गौतम अडानी: गंभीर संकट का सामना

दूसरी ओर, अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के लिए स्थिति और भी अधिक चुनौतीपूर्ण साबित हुई है। उनकी संपत्ति जून 2024 में $122.3 बिलियन (लगभग 10 लाख करोड़ रुपये) से गिरकर नवंबर तक $82.1 बिलियन (लगभग 7 लाख करोड़ रुपये) रह गई।

मुख्य कारण:

  1. अमेरिकी न्याय विभाग की जांच: अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) द्वारा अडानी ग्रुप की जांच ने निवेशकों का विश्वास हिला दिया है।
  2. हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट: इस रिपोर्ट ने धोखाधड़ी और गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद अडानी ग्रुप को भारी आर्थिक और कानूनी झटके लगे।
  3. ग्लोबल ट्रस्ट का संकट: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों का भरोसा कमजोर होने से उनकी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई।

भारत के अरबपतियों का बदलता परिदृश्य

2024 की शुरुआत से भारत के शीर्ष 20 अरबपतियों की संपत्ति में कुल $67.3 बिलियन की बढ़ोतरी हुई है। इसमें सबसे अधिक लाभ शिव नाडर ($10.8 बिलियन) और सावित्री जिंदल ($10.1 बिलियन) ने दर्ज किया। इसके विपरीत, अंबानी और अडानी जैसे दिग्गजों की संपत्ति में गिरावट इस बात का संकेत है कि बाजार में स्थिरता बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के लिए नई चुनौतियां उभर सकती हैं। एलन मस्क की स्टारलिंक और अन्य विदेशी कंपनियों के भारत में प्रवेश से देश की टेलीकॉम इंडस्ट्री पर दबाव बढ़ सकता है।

वहीं, दुनिया के सबसे अमीर परिवारों की सूची में वॉलमार्ट के वाल्टन परिवार $432.4 बिलियन की संपत्ति के साथ शीर्ष पर हैं। उन्होंने एलन मस्क और मध्य-पूर्व के शाही परिवारों को पीछे छोड़ दिया है।

आगे की राह

मुकेश अंबानी और गौतम अडानी जैसे दिग्गज उद्योगपतियों के लिए यह समय आत्ममंथन और अपनी रणनीतियों को नए सिरे से परिभाषित करने का है। भारत की अर्थव्यवस्था के लिए इन उद्योगपतियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, और इनकी संपत्ति में गिरावट न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर भी असर डाल सकती है।

आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि ये दोनों उद्योगपति अपनी कंपनियों को नए सिरे से स्थापित करने और बाजार में खोया हुआ भरोसा पुनः अर्जित करने के लिए क्या कदम उठाते हैं।