Live Hindustan : Jan 03, 2020, 11:01 AM
बगदाद | बगदाद एयरपोर्ट पर अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर कासिम सोलेमानी (कासिम सुलेमानी) की मौत हो गई है। कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत से अमेरिका और ईरान के फिर से तनावपूर्ण स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। अमेरिका की इस कार्रवाई से माना जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच तनाव-संघर्ष फिर शुरू हो सकता है। कासिम सोलेमानी का मारा जाना ईरान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है, क्योंकि यह इराक और सीरिया में अमेरिका के हस्तक्षेप के खिलाफ है। कासिम का कनेक्शन भारत में हुए एक हमले से भी जुड़ा हुआ है। दरअसल, सोलेमानी ईरान रिवॉलूशनरी गार्ड्स का प्रमुख था। ईरान रेवोल्यूशनरी गार्ड्स की ही विदेशों में काम करने वाली यूनिट अल कुद्स फोर्स का जिम्मा संभालने वाले कासिम को अमेरिका के बड़े दुश्मनों में शुमार किया जाता था। अल कुद्स फोर्स को ईरान रिवॉलूशनरी गार्ड्स का सबसे अहम यूनिट माना जाता है। सोलेमानी साल 2002 में अल कुद्स फोर्स का प्रमुख बना। सोलेमानी को ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनी का करीबी माना जाता था। अल-कुद्स फोर्स का नाम सीरिया और लेबनान से लेकर जर्मनी और यहां तक कि भारत तक में हत्याओं और हत्या के प्रयासों के मामले में जुड़ा है। साल 2012 में दिल्ली में एक इजरायली राजनयिक के वाहन पर बम अटैक मामले में भी सोलेमानी की सेना अल कुद्स फोर्स का नाम आया था। फरवरी 2012 में दिल्ली में इजरायली राजनयिक के वाहन पर बम हमले के बाद दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में यह पाया था कि असफल बम हमले में शामिल संदिग्ध आईआरजीसी (Iranian Revolutionary Guards Force) के सदस्य थे। ऐसा मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था। भारत में यह हमला उसी समय हुआ था, जब बैंकॉक, थाईलैंड और जॉर्जिया में आईआरजीसी से जुड़े अन्य हमले हुए थे।गौरतलब है कि इराक में ईरानी द्वारा नियंत्रित सैन्य संगठन अल हशद अल शाबी ने ट्विटर पर सोलेमानी समेत उसके कई नेताओं के मारे जाने की पुष्टि की। इसके अलावा, अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'विदेश में अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा के लिए स्पष्ट रक्षात्मक कार्रवाई करते हुए ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर कासिम सुलेमानी को मारने का आदेश दिया था।'साथ ही काउंसिल के प्रमुख और गार्ड्स के पूर्व प्रमुख मोहसिन रेजाई ने ट्वीट कर कहा कि सुलेमानी की मौत का बदला वह अमेरिका से लेगा। गौरतलब है कि शुक्रवार को बगदाद एयरपोर्ट पर अमेरिकी हवाई हमले में सुलेमानी समेत सात लोग मारे गए। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'जनरल सुलेमानी सक्रिय रूप से इराक में अमेरिकी राजनयिकों और सैन्य कर्मियों पर हमले की सक्रिय रूप से योजना बना रहा था। जनरल सुलेमानी और उसका कुद्स फोर्स सैकड़ों अमेरिकियों और अन्य गठबंधन सहयोगियों के सदस्यों की मौत और हजारों को जख्मी करने के लिए जिम्मेदार है।'दरअसल, अमेरिका और ईरान के बीच उस वक्त से तनाव है, जब पिछले साल वाशिंगटन ने ईरानी तेल निर्यात पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे, जिससे भारत, चीन और जापान जैसे प्रमुख आयातकों को खरीद शून्य करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पिछले साल फारस की खाड़ी में तेल टैंकरों पर कई हमलों के बाद तनाव बढ़ गया था, जिसका दोष अमेरिका और उसके सहयोगियों ने ईरान पर मढ़ा था।