दुनिया / अंडमान... क्या सूरज की वजह से धरती पर आ रहे हैं भूकंप?

भारत में भूकंप के झटकों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। उत्तर भारत में दिल्ली, उत्तर प्रदेश हरियाणा के बाद अब शुक्रवार को अंडमान निकोबार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। वहीं, प्रशांत महासागर में स्थित देश पापुआ न्‍यू गिनी में भी 4.8 तीव्रता का भूकंप आया। यूं तो भूकंप के झटकों का पूर्वानुमान बेहद मुश्किल है लेकिन हाल में सामने आए एक स्टडी के नतीजों से ऐसे संकेत मिले हैं

NavBharat Times : Jul 17, 2020, 05:16 PM
भारत में भूकंप के झटकों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। उत्तर भारत में दिल्ली, उत्तर प्रदेश हरियाणा के बाद अब शुक्रवार को अंडमान निकोबार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। वहीं, प्रशांत महासागर में स्थित देश पापुआ न्‍यू गिनी में भी 4.8 तीव्रता का भूकंप आया। यूं तो भूकंप के झटकों का पूर्वानुमान बेहद मुश्किल है लेकिन हाल में सामने आए एक स्टडी के नतीजों से ऐसे संकेत मिले हैं कि इनके पीछे सूरज पर होने वाले विस्फोट जिम्मेदार हो सकते हैं। रोम के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स ऐंड वॉल्केनॉलजी में रिसर्चर्स की टीम ने पता लगाया है कि सूरज पर होन वाले विस्फोटों में निकलने वाले प्लाज्मा और दूसरे पार्टिकल और धरती पर आने वाले भूकंप में कनेक्शन हो सकता है।

स्टडी में मिले चौंकाने वाले नतीजे

इस स्टडी में पता चला है कि सूरज पर बडे विस्फोट होने के 24 घंटे के अंदर धरती पर ऐसे भूकंपों की संख्या में इजाफा देखा गया जिनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.6 से ज्यादा थी। टीम के मुताबिक इसका सिर्फ इत्तेफाक होने की संभावनाएं बेहद कम हैं। टीम का कहना है, 'इसके लिए टीम ने NASA और ESA के जॉइंट प्रॉजेक्ट Solar and Heliospheric Observatory (SOHO) सैटलाइट के डेटा को स्टडी किया। यह सैटलाइट सूरज के चक्कर काटती है और उसके विस्फोटों से निकलने वाले पार्टिकल और प्लाज्मा (coronal mass ejections) के समय और तीव्रता को नापती है। टीम ने 20 साल के SOHO के डेटा और धरती पर भूकंप की तुलना की और पाया कि दोनों के बीच कनेक्शन है।


सूरज पर होता है कुछ ऐसा...

दरअसल, जब भी सूरज से निकलने वाले पॉजिटिव चार्ज आयन (positive charged ion) अपने चरम पर होते थे, धरती पर 24 घंटे के अंदर भूकंपों की संख्या बढ़ जाती थी। टीम ने इसके लिए पीजोइलेक्ट्रिक इफेक्ट (piezoelectric effect) को कारण बताया है। इसके तहत किसी बाहरी फोर्स या मकैनकिल स्ट्रेस की वजह से इलेक्ट्रिक पल्स (चार्ज) निकलते हैं। धरती के क्रस्ट (Earth crust) में 20% क्वॉर्ट्ज (Quartz) होता है और टीम का अंदाजा है कि सूरज से आने वाले पॉजिटिव आयन वायुमंडल में दाखिल होने पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डिस्टर्बेंस पैदा करते हैं जिससे धरती के क्वॉर्ट्ज पर दबाव पड़ता है और इलेक्ट्रिक पल्स जनरेट होती है। इसकी वजह से टेक्टॉनिक प्लेट्स हिलती हैं और भूकंप आते हैं।


इसलिए कड़कती है बिजली

इस थिअरी के आधार पर बिना तूफान के मौसम के भूकंप आने पर बिजली कड़कने और रेडियो वेव में रुकावट जैसी चीजों को भी समझा जा सकता है। पहले के रिसर्च में दावा किया गया है कि ये इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इवेंट्स भूकंप की वजह से ही होते हैं। हालांकि, जाता रिसर्च से संकेत मिलते हैं कि जिस वजह से भूकंप आते हैं, ये सब भी उसी वजह से होता है।