India china Stand / चीन को एक और झटका, अब सड़क परियोजनाओं और MSME में भी चीनी कंपनियां होंगी बैन

अब सरकार चीनी कंपनियों को भारत में सड़क परियोजनाओं और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों से दूर करने की भी तैयारी कर चुकी है सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार चीनी कंपनियों को राजमार्ग परियोजनाओं का हिस्सा बनने की अनुमति नहीं देगी इसमें चीन की कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने वाली कंपनियां भी शामिल होंगी

Vikrant Shekhawat : Jul 02, 2020, 07:05 AM

नई दिल्ली. लद्दाख (Ladakh) में चीन (China) से चल रहे तनाव के बीच उसे सबक सिखाने के लिए भारत सरकार (Indian Government) हर मुमकिन कदम उठा रही है. पिछले दिनों सरकार ने 59 चीनी ऐप्‍लीकेशंस (Chinese Apps) पर प्रतिबंध लगा दिया है. अब सरकार चीनी कंपनियों (Chinese Firms) को भारत में सड़क परियोजनाओं (Road projects) और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) से दूर करने की भी तैयारी कर चुकी है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बुधवार को कहा कि सरकार चीनी कंपनियों को राजमार्ग परियोजनाओं का हिस्सा बनने की अनुमति नहीं देगी. इसमें चीन की कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने वाली कंपनियां भी शामिल होंगी.


गडकरी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि चीनी निवेशक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश ना कर सकें. गडकरी के पास एमएसएमई मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है. उनके इस बयान को हाल में गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प से जोड़कर देखा जा रहा है. इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. उन्‍होंने कहा कि चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर नीति जल्द पेश कर दी जाएगी. वहीं राजमार्ग परियोजनाओं में भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता देने के लिए नियम आसान किए जाएंगे.


गडकरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'हम सड़क निर्माण के लिए उन संयुक्त उपक्रमों को ठेका नहीं देंगे जिनमें चीन की कंपनी भागीदार होगी. हम इस पर कड़ा रुख बनाए रखेंगे. अगर वह संयुक्त उपक्रम में शामिल होकर भारत आते हैं, हम उन्हें इसकी अनुमति नहीं देंगे.' मौजूदा वक्त में कुछ परियोजनाओं में चीनी कंपनियां पहले से भागीदार हैं. गडकरी ने कहा कि नया निर्णय मौजूदा और भविष्य की निविदाओं पर लागू किया जाएगा.