Vikrant Shekhawat : Aug 03, 2020, 06:39 PM
एप्पल (Apple Inc.) ने चाइनीज एप स्टोर पर बड़ी कार्रवाई की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक एपल ने चाइनीज एप स्टोर से 29,800 ऐप हटा दिए हैं. जिन ऐप्स को हटाया गया है उनमें हजारों वीडियो गेम ऐप्स शामिल हैं. एपल ने यह कार्रवाई उन ऐप्स के चाइनीज मोबाइल गेमिंग लॉ पर खरा नहीं उतरने की वजह से की है. चीन ने पहली बार इस कानून को 2016 में पेश किया था.
ऐसा माना जा रहा है कि एपल थर्ड पार्टी ऐप्स के लिए नए पैमाने इस्तेमाल कर रहा है. चीन के कानून के मुताबिक किसी भी ऐप डेवलपर को सेंसरशिप एजेंसी से लाइसेंस लेना जरूरी है. अगर ऐप में पेड डाउनलोड का विकल्प दिया गया है तो लाइसेंस लेना बेहद जरूरी हो जाता है. हालांकि रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक लाइसेंस हासिल करने में महीनों लग जाते हैं.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 26 हजार वीडियो गेम के ऐप्स बिना लाइसेंस वाले थे. चीन के कानून में ऐसी कई बाधाएं हैं जिनकी वजह से ऐप्स के अप्रूवल में महीनों लग जाते हैं. हालांकि ज्यादातर बाधाएं सिर्फ गेमिंग सर्विस को लेकर ही लगाई गई हैं.
हालांकि एपल ने गेम से जुड़े ऐप्स बनाने वाली कंपनियों को लाइसेंस हासिल करने के लिए जून तक का वक्त भी दिया था. लेकिन समय पूरा होने के बाद भी वीडियो गेम से जुड़ी हुई कंपनियां लाइसेंस हासिल नहीं कर पाई और उन्हें हटा दिया गया.
यह पहला मौका नहीं है जब एपल ने ऐप कंपनियों पर ऐसी कार्रवाई की है. जुलाई 2020 में एपल ने एप स्टोर से 2500 से ज्यादा ऐप्स को हटाया था.
बता दें कि पिछले महीने चीन के सैकडों ऐप्स को भारत में भी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है. भारत ने चीन के साथ विवाद के बीच डेटा की सुरक्षा के मद्देनज़र टिक टॉक और यूसी जैसे पॉपुलर ऐप्स बैन कर दिए थे.
ऐसा माना जा रहा है कि एपल थर्ड पार्टी ऐप्स के लिए नए पैमाने इस्तेमाल कर रहा है. चीन के कानून के मुताबिक किसी भी ऐप डेवलपर को सेंसरशिप एजेंसी से लाइसेंस लेना जरूरी है. अगर ऐप में पेड डाउनलोड का विकल्प दिया गया है तो लाइसेंस लेना बेहद जरूरी हो जाता है. हालांकि रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक लाइसेंस हासिल करने में महीनों लग जाते हैं.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 26 हजार वीडियो गेम के ऐप्स बिना लाइसेंस वाले थे. चीन के कानून में ऐसी कई बाधाएं हैं जिनकी वजह से ऐप्स के अप्रूवल में महीनों लग जाते हैं. हालांकि ज्यादातर बाधाएं सिर्फ गेमिंग सर्विस को लेकर ही लगाई गई हैं.
हालांकि एपल ने गेम से जुड़े ऐप्स बनाने वाली कंपनियों को लाइसेंस हासिल करने के लिए जून तक का वक्त भी दिया था. लेकिन समय पूरा होने के बाद भी वीडियो गेम से जुड़ी हुई कंपनियां लाइसेंस हासिल नहीं कर पाई और उन्हें हटा दिया गया.
यह पहला मौका नहीं है जब एपल ने ऐप कंपनियों पर ऐसी कार्रवाई की है. जुलाई 2020 में एपल ने एप स्टोर से 2500 से ज्यादा ऐप्स को हटाया था.
बता दें कि पिछले महीने चीन के सैकडों ऐप्स को भारत में भी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है. भारत ने चीन के साथ विवाद के बीच डेटा की सुरक्षा के मद्देनज़र टिक टॉक और यूसी जैसे पॉपुलर ऐप्स बैन कर दिए थे.