Share Market News: अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है, जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में भारतीय शेयर बाजार के अच्छे दिन लौट सकते हैं। हाल ही में शेयर बाजार में जबरदस्त रिकवरी देखने को मिली है, साथ ही एफपीआई के आउटफ्लो में भी कमी आई है, जो बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है।
एफपीआई की बिकवाली में आई कमी
भारतीय शेयर बाजार में बीते कुछ महीनों से एफपीआई द्वारा लगातार बिकवाली देखी जा रही थी, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ था। हालांकि, वैश्विक स्तर पर आर्थिक चिंताओं में कमी और रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति की संभावनाओं के बीच, एफपीआई की बिकवाली की गति धीमी पड़ती दिख रही है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने पिछले सप्ताह शुद्ध रूप से
1,794 करोड़ रुपये (19.4 करोड़ डॉलर) के शेयर बेचे हैं।
15 हफ्तों से लगातार बिकवाली का सिलसिला जारी
हालांकि एफपीआई का रवैया थोड़ा सकारात्मक हुआ है, लेकिन यह लगातार 15वां सप्ताह है जब उन्होंने भारतीय शेयर बाजार से निकासी की है।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि निवेशक अभी भी सतर्क रुख अपनाए हुए हैं। वे अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों की नीति, भू-राजनीतिक घटनाओं और आर्थिक स्थितियों पर कुछ स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 21 मार्च को समाप्त सप्ताह में
1,794 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि इससे पहले के कम अवधि वाले सप्ताह में उनकी निकासी
60.4 करोड़ डॉलर रही थी। हाल के सप्ताह में, एफपीआई ने दो बार शुद्ध रूप से खरीदारी भी की, जिससे बाजार को कुछ राहत मिली।
बॉन्ड बाजार में एफपीआई की रुचि बढ़ी
भले ही एफपीआई ने शेयर बाजार से निकासी की हो, लेकिन उन्होंने भारतीय बॉन्ड बाजार में निवेश जारी रखा है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार
वी के विजयकुमार के अनुसार, एफपीआई की बिकवाली में कमी आने से बाजार में भरोसा बढ़ा है, जिससे 21 मार्च को समाप्त सप्ताह में शेयर बाजार में तेजी देखी गई। हालांकि, मार्च के दौरान भी एफपीआई ने
31,719 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जो फरवरी में
34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में
78,027 करोड़ रुपये रही थी।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार,
2025 में अब तक कुल एफपीआई निकासी 1.44 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। लेकिन मार्च में उन्होंने भारतीय बॉन्ड बाजार में
10,955 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे संकेत मिलता है कि वे अभी भी भारतीय बाजार में अवसर तलाश रहे हैं।
आगे क्या रहेगा एफपीआई का रुख?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि एफपीआई का रुख आने वाले हफ्तों में भी सतर्क बना रहेगा। वे अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर पैनी नजर बनाए रखेंगे। यदि वैश्विक अनिश्चितताओं में कमी आती है और भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहती है, तो एफपीआई फिर से भारतीय शेयर बाजार में सक्रिय रूप से निवेश कर सकते हैं।
निष्कर्ष
विदेशी निवेशकों के रुझान से भारतीय शेयर बाजार को बड़ी राहत मिली है। हालांकि, अभी भी कुछ अस्थिरता बनी हुई है और निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। यदि एफपीआई की बिकवाली में और अधिक कमी आती है और बॉन्ड बाजार में उनका निवेश जारी रहता है, तो यह भारतीय शेयर बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है। ऐसे में निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव पर नजर रखते हुए अपने निवेश निर्णय लेने चाहिए।