Vikrant Shekhawat : May 13, 2022, 01:39 PM
सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत राय के खिलाफ पटना हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है। शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट में उनकी सशरीर पेशी होनी थी, लेकिन, वह कोर्ट में नहीं पहुंचे। इस बात से नाराज होकर पटना हाई कोर्ट ने बिहार, दिल्ली और उत्तरप्रदेश के डीजीपी को सुब्रत राय को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकल पीठ ने 27 अप्रैल को पिछली सुनवाई के दौरान उन्हें 11 मई को शारीरिक रूप से हाई कोर्ट के समक्ष पेश होने और यह बताने का निर्देश दिया था कि वह निवेशकों का पैसा कैसे लौटा सकते हैं। चूंकि वह 11 मई को पटना नहीं आ सके, इसलिए मामले को 12 मई के लिए स्थगित कर दिया गया।
बता दें कि न्यायधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता प्रमोद कुमार सैनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सहारा समूह को 6 मई तक का वक्त देते हुए पूछा था कि कंपनी यह बताए कि जनता का पैसा कब तक लौटाया जाएगा. दरअसल कंपनी ने विभिन्न स्कीम में लाखों उपभोक्ताओं से निवेश के नाम पर पैसा जमा करवाए थे और अवधि पूरी होने के बाद भी रकम नहीं लौटाई गई. इसको लेकर 2,000 से ज्यादा लोगों ने पटना हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की थी.
बता दें कि 6 मई से पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने सहारा समूह को यह बताने का निर्देश दिया था कि बिहार की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा, जो सहारा कंपनी के अलग-अलग स्कीमों में निवेशकों के द्वारा जमा किया गया है, उसे किस तरह से जल्द से जल्द लौटाया जाएगा. निवेशक कई वर्षों से सहारा में अपने पैसे फंसे होने के कारण परेशान हैं. लोगों के करोड़ों रुपए है फंसे
वहीं, 6 मई को हुई सुनवाई में सहारा की ओर से वकील उमेश प्रसाद सिंह ने हाईकोर्ट को बताया था कि सहारा ने ग्राहकों को पैसा लौटाने के लिए कई विकल्प तैयार किए हैं. लेकिन अदालत ने उनकी दलीलों को नामंजूर करते हुए उक्त आदेश दिया. हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि वो इस मामले में उचित आदेश जारी करेगा. जिससे निवेशकों को उनके रुपए मिल सकें.
बता दें कि न्यायधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता प्रमोद कुमार सैनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सहारा समूह को 6 मई तक का वक्त देते हुए पूछा था कि कंपनी यह बताए कि जनता का पैसा कब तक लौटाया जाएगा. दरअसल कंपनी ने विभिन्न स्कीम में लाखों उपभोक्ताओं से निवेश के नाम पर पैसा जमा करवाए थे और अवधि पूरी होने के बाद भी रकम नहीं लौटाई गई. इसको लेकर 2,000 से ज्यादा लोगों ने पटना हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की थी.
बता दें कि 6 मई से पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने सहारा समूह को यह बताने का निर्देश दिया था कि बिहार की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा, जो सहारा कंपनी के अलग-अलग स्कीमों में निवेशकों के द्वारा जमा किया गया है, उसे किस तरह से जल्द से जल्द लौटाया जाएगा. निवेशक कई वर्षों से सहारा में अपने पैसे फंसे होने के कारण परेशान हैं. लोगों के करोड़ों रुपए है फंसे
वहीं, 6 मई को हुई सुनवाई में सहारा की ओर से वकील उमेश प्रसाद सिंह ने हाईकोर्ट को बताया था कि सहारा ने ग्राहकों को पैसा लौटाने के लिए कई विकल्प तैयार किए हैं. लेकिन अदालत ने उनकी दलीलों को नामंजूर करते हुए उक्त आदेश दिया. हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि वो इस मामले में उचित आदेश जारी करेगा. जिससे निवेशकों को उनके रुपए मिल सकें.