नई दिल्ली / अरुण जेटली के परिवार ने कहा उनकी पेंशन राज्यसभा के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को दी जाए

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की पत्नी संगीता जेटली ने राज्यसभा के चेयरमैन व उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू से उन्हें दी जाने वाली पेंशन सदन में कार्यरत 'सबसे ज़रूरतमंद' स्टाफ (चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों) को देने को कहा है। उन्होंने लिखा, "अरुण ने हमेशा ज़रूरतमंदों की मदद की मैं आपकी भावना का सम्मान करती हूं....जानती हूं अरुण भी ऐसा ही करते।"

AMAR UJALA : Oct 01, 2019, 10:43 AM
नई दिल्ली. दिवगंत अरुण जेटली के परिवार ने उन्हें मिलने वाली पेंशन को लेने से मना कर दिया है। इसके लिए उनकी पत्नी ने राज्यसभा के उपसभापति एम वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखा है। जिसमें उनका कहना है कि भाजपा नेता को मिलने वाली पेंशन उन कर्मचारियों को दान कर दी जाए जिनकी तनख्वाह कम है। परिवार को पेंशन के तौर पर लगभग तीन लाख रुपये मिलते।

संगीता जेटली ने वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर कहा, 'जिस महान कार्य को अरुण किया करते थे उनके उसी मार्ग पर चलते हुए मैं संसद से अनुरोध करती हूं कि एक दिवंगत सांसद के परिवार को मिलने वाली पेंशन को उस संस्थान के जरुरतमंद लोगों को दान कर दिया जाए जिसकी जेटली ने दो दशकों तक सेवा की है। यानी राज्यसभा के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को दी जाए। मुझे पूरा विश्वास है कि अरुण की भी यही इच्छा होती।'

पत्र की एक प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी गई है। भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार अरुण जेटली ने 66 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स अस्पताल में 24 अगस्त को अंतिम सांस ली थी। वह यहां कई दिनों तक आईसीयू में भर्ती थे। उनके पास वित्त मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। इसके अलावा वह राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। वह चार बार राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेटली को अपना अमूल्य मित्र बताया था। वह एक ऐसे नेता थे जिसके पक्ष और विपक्ष दोनों में मित्र थे। पत्र में संगीता जेटली ने आगे लिखा, 'अरुण हमेशा से एक परोपकारी रहे हैं। अपने कानूनी पेशे या राजनीति में उन्होंने जो भी सफलता हासिल की उनका मानना था कि यह उन्हें गुरु, सहयोगियों के समर्थन और दोस्तों, रिश्तेदारों की शुभकामनाओं के कारण मिली है। वह हमेशा जरुरत के समय हर किसी की मदद के लिए खड़े रहे।'