देश / टीकाकरण कर्मियों ने उफनती नदी को अरुणाचल में बांस के ब्रिज पर चलकर किया पार

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक वीडियो शेयर कर ट्वीट किया है, "हमारे बहादुर स्वास्थ्यकर्मियों ने अरुणाचल प्रदेश में कोविड-19 टीकाकरण के लिए उफनती नदी को पार किया।" स्वास्थ्यकर्मी बांस के अस्थाई ब्रिज से नदी पार करते दिख रहे हैं। ठाकुर ने कहा, "ऐसे बहादुर स्वास्थ्यकर्मी देश में टीकाकरण आंकड़े को 100 करोड़ तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।"

Vikrant Shekhawat : Oct 17, 2021, 09:09 AM
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में स्वास्थ्य कार्यकर्ता (Viral video of health worker) जान जोखिम में डालते हुए उफनती नदी पार कर रहा है। उस शख्स के हाथ में एक नीले रंग का डब्बा साफ देखा जा सकता है। दरअसल स्वास्थ्यकर्मी अरुणाचल प्रदेश (Health workers Arunachal Pradesh) में एक बस्ती में वैक्सीनेशन के लिए संघर्ष करता नजर आ रहा है। स्वास्थ्य कर्मी महज दो बांस के सहारे नदी पार कर रहा था। उसकी इस बहादुरी और कर्तव्य निष्ठा की केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) ने सराहना की है। 

रिपोर्टों के अनुसार यह व्यक्ति एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता  है, जो एक वैक्सीनेशन करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालता है ताकि दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को सामान्य स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस असाधारण प्रयास पर ध्यान दिया और इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के प्रयासों की वजह से भारत में टीकाकरण के आंकड़े को 100 करोड़ तक पहुंचाने में मदद मिलेगी, जो कि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के मुख्य लक्ष्यों में से एक है।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 'बहादुर' कृत्य की सराहना की

जैसे ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता के वीडियो ने इंटरनेट पर धूम मचाई, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने अरुणाचल प्रदेश में लोगों को टीका लगाने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। केंद्रीय मंत्री ने शेयर किए एक ट्वीट में कहा, 'हमारे बहादुर स्वास्थ्य कार्यकर्ता अरुणाचल प्रदेश में COVID-19 टीकाकरण के लिए एक  उफनती नदी को पार करते हैं ताकि कोई भी टीकाकरण से वंचित न रहे। ऐसे बहादुर स्वास्थ्यकर्मी देश में टीकाकरण के आंकड़े को 100 करोड़ तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगे।'  केंद्रीय मंत्री ने उन संघर्षों को स्वीकार किया जो स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने यह सुनिश्चित करने के लिए किए थे कि जिन क्षेत्रों में भी उचित परिवहन संभव नहीं है वहां लोगों को टीका लगाने की सुविधा को प्राथमिकता दी जा सके।