देश / ममता बनर्जी के आरोपों बोले असदुद्दीन ओवैसी, भारत की सियासत का मैं लैला हूं और मेरे मजनू...

पश्चिम बंगाल में कुछ महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को टीमएसी प्रमुख ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को उनके संगठन पर आरोप लगाने के बजाए खुद का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और देखना चाहिए कि किस तरह से बीजेपी ने राज्य में 18 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की।

Vikrant Shekhawat : Jan 03, 2021, 10:29 PM
पश्चिम बंगाल में कुछ महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को टीमएसी प्रमुख ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को उनके संगठन पर आरोप लगाने के बजाए खुद का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और देखना चाहिए कि किस तरह से बीजेपी ने राज्य में 18 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की। ओवैसी ने खुद को सियासत की लैला बताते हुए कहा कि उनके मजनू बहुत हैं। ओवैसी मौलाना अब्बासुद्दीन सिद्दिकी से मिलने गए थे। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के इन दावों को खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी बीजेपी की बी-टीम है और भगवा दल के विरोधी वोट में सेंध लगाएगी।

ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा, ''हम राजनीतिक दल हैं, हम अपनी उपस्थिति साबित करेंगे और चुनाव लड़ेंगे (पश्चिम बंगाल में)।" ओवैसी ने कहा, ''... भारत की सियासत की मैं लैला हूं और मेरे मजनू बहुत हैं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।" इसके बाद एक चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने अभी यह तय नहीं किया है कि यह अकेले चुनाव लड़ेगी या किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन करेगी। एआईएमआईएम प्रमुख ने दावा किया कि फुरफुरा शरीफ के पीरजादा सिद्दिकी का उन्हें समर्थन हासिल है। बंगाल के हुगली जिले में फुरफुरा शरीफ विख्यात दरगाह है।

बिहार चुनाव को लेकर TMC के आरोपों पर क्या बोले ओवैसी?

बिहार विधानसभा चुनावों में बीजेपी नीत एनडीए की जीत में एआईएमआईएम द्वारा सहयोग करने के तृणमूल के दावे को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य में उनकी पार्टी ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से उसने पांच सीटों पर जीत हासिल की और महागठबंधन ने नौ सीटों पर जीत हासिल की, जबकि राजग ने छह सीटें जीतीं। ओवैसी ने कहा, ''तृणमूल कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के पक्ष में क्या रहा। पार्टी को विश्लेषण करना चाहिए कि उसके सदस्य क्यों छोड़ रहे हैं...।"