Vikrant Shekhawat : Jan 20, 2022, 12:50 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज यानी गुरुवार को 'आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर' कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि ब्रह्मकुमारी संस्था के द्वारा ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’, कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है। इस कार्यक्रम में स्वर्णिम भारत के लिए भावना भी है, साधना भी है। इसमें देश के लिए प्रेरणा भी है, ब्रह्मकुमारियों के प्रयास भी हैं। हालांकि इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी एक बार असहज भी नजर आए जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका नाम लेते हुए कहा कि देश में हिंसा और तनाव का माहौल व्याप्त है। सीएम गहलोत ने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि देश में भाईचारा, शांति और सद्भाव मजबूत हो और इसकी आवश्यकता भी है। उन्होंने कहा कि देश में तनाव और हिंसा से छुटकारा मिले ये आपकी, हम सबकी इच्छा है। गहलोत ने कहा कि मैं समझता हूं कि सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही समाज को और देश को आगे बढ़ा सकते हैं, जहां पर शांति और विकास होगा।राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति: पीएम मोदीअपने संबोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है। हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है। ये भाव, ये बोध नए भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है। आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें सबका प्रयास शामिल है।हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो: पीएम मोदीपीएम मोदी ने कहा कि आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो। एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता और सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो। हम एक ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नई है, और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं।भारत पहले से ही मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था: पीएम मोदीदुनिया जब अंधकार के गहरे दौर में थी, महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था। हमारे यहां गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अरुंधति और मदालसा जैसी विदुषियां समाज को ज्ञान देती थीं।स्वाधीनता संग्राम में हमारी महिलाओं ने अपने बलिदान दिए: पीएम मोदीपीएम मोदी ने कहा कि कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं। अमृत महोत्सव में देश जिस स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा है, उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं।अमृत काल का समय हमारे ज्ञान, शोध और इनोवेशन का समय है: पीएम मोदीपीएम मोदी ने कहा कि अमृत काल का ये समय हमारे ज्ञान, शोध और इनोवेशन का समय है। हमें एक ऐसा भारत बनाना है जिसकी जड़ें प्रचीन परंपराओं और विरासत से जुड़ी होगी और जिसका विस्तार आधुनिकता के आकाश में अनंत तक होगा।देश के लोकतंत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही: पीएम मोदीपीएम मोदी ने कहा कि देश के लोकतंत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। 2019 के चुनाव में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया। आज देश की सरकार में बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां महिला मंत्री संभाल रही हैं। अब समाज इस बदलाव का नेतृत्व खुद कर रहा है।हमें अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने संस्कारों को जीवंत रखना है : पीएम मोदीहमें अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने संस्कारों को जीवंत रखना है। अपनी आध्यात्मिकता को, अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है और साथ ही, टेक्नोलॉजी, इनफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ की व्यवस्थाओं को निरंतर आधुनिक भी बनाना है।आने वाले 25 साल, परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के 25 वर्ष: पीएम मोदीपीएम मोदी ने कहा कि अमृतकाल का ये समय, सोते हुए सपने देखने का नहीं बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है। आने वाले 25 साल, परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के 25 वर्ष हैं। सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो गंवाया है, ये 25 वर्ष का कालखंड, उसे दोबारा प्राप्त करने का है।