AMAR UJALA : Sep 25, 2019, 06:49 AM
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई के 30वें दिन मुस्लिम पक्ष ने यह स्वीकार किया कि राम चबूतरा, भगवान राम का जन्मस्थान है। अब तक मुस्लिम पक्षकारों का कहना कि अयोध्या, राम की जन्मस्थली है, लेकिन जन्मस्थान कहां है, यह तय नहीं है। साथ ही मुस्लिम पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि बाबरी मस्जिद का निर्माण मंदिर को तोड़कर नहीं किया गया था, बल्कि खाली स्थान पर किया गया था।
मुस्लिम पक्ष के ओर से पेश वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने मंगलवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष कहा कि वह यह मानते है कि राम चबूतरा, भगवान राम का जन्मस्थान है क्योंकि इसे लेकर तीन अदालती आदेश भी है और अदालती आदेश है तो हम इससे अलग कैसे हो सकते हैं।दरअसल, जस्टिस एसए बोबडे ने जिलानी से सवाल किया कि क्या आप मानते हैं कि राम चबूतरा, भगवान राम का जन्मस्थान है? इसपर जिलानी ने कहा, इसे लेकर विवाद नहीं। यह सभी यहीं मानते हैं। स्कंद पुराण के मुताबिक जन्मस्थान, अमुक स्थान से अमुक दूरी पर है, लेकिन अब वह स्थान अस्तित्व में नहीं है। वर्ष 1886 में जिला जज ने राम चबूतरे को जन्मस्थान मानते हुए पहां पूजा करने की इजाजत दी थी। लेकिन बाद में हिन्दू, जन्मस्थान मंदिर बताते हुए भीतरी अहाते और गुंबद वाली इमारत पर दावा करने लगे। विवाद मस्जिद के भीतर अहाते को लेकर है।जन्मस्थान पर विश्वास आस्था के आधार परजन्मस्थल पर भगवान राम के जन्म, विश्वास व आस्था के आधार पर है, कोई सबूत नहीं है। रामचरित्र मानस और रामायण में जन्मस्थान का जिक्र नहीं है। यह तो हिन्दू पक्ष को साबित करना है कि किस किताब में जन्मस्थान का जिक्र है।गुबंद के नीच कभी पूजा नहीं हुईइससे पहले मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा, मस्जिद के बीच वाले गुबंद के नीचे कभी पूजा नहीं हुई। 1949 में गलत तरीक से वहां मूर्ति रखी गई। सन् 1528 में बाबर के कमांडर मीर बाकी ने बाबरी मस्जिद बनवाई थी। तब से वहां नमाज पढ़ी जा रही थी। जबकि राम चबूतरे पर हिन्दू पूजा करते थे।कोर्ट रूम जस्टिस बोबडे (मुस्लिम पक्ष से): यानी आप इस बात पर विवाद नहीं कर रहे हैं कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ था।जिलानी (मुस्लिम पक्ष के वकील): अयोध्या का राम का जन्म हुआ, इसे लेकर कोई विवाद नहीं है। हमारा विवाद इस मस्जिद केभीतर अहाते में जन्मस्थान को लेकर है।जिलानी: 1949 से पहले मध्य गुंबद के नीचे पूजा का कोई सुबूत नहीं है।जस्टिस बोबडे: आपके पास यह सबूत है कि 1949 से पहले वहां नियमित रूप से नमाज होती थी।जिलानी: इसके लिखित सबूत तो नहीं है लेकिन जुबानी सबूत हैं।जस्टिस अशोक भूषण: रामचरित्र मानस और रामायण में अयोध्या में दशरथ महल में राम के जन्म का जिक्र है, स्थान का नहीं।जस्टिस चंद्रचूड़: ग्रंथों में जन्मथान का जिक्र नहीं है तो क्या भगवान राम का जन्म अयोध्या में नहीं हुआ?जस्टिस बोबडे: आइन-ए-अकबरी में मस्जिद का जिक्र क्यों नहीं है?जिलानी: किताब में रामजन्मभूमि का भी जिक्र नहीं है। जिक्र अवध का है।
मुस्लिम पक्ष के ओर से पेश वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने मंगलवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष कहा कि वह यह मानते है कि राम चबूतरा, भगवान राम का जन्मस्थान है क्योंकि इसे लेकर तीन अदालती आदेश भी है और अदालती आदेश है तो हम इससे अलग कैसे हो सकते हैं।दरअसल, जस्टिस एसए बोबडे ने जिलानी से सवाल किया कि क्या आप मानते हैं कि राम चबूतरा, भगवान राम का जन्मस्थान है? इसपर जिलानी ने कहा, इसे लेकर विवाद नहीं। यह सभी यहीं मानते हैं। स्कंद पुराण के मुताबिक जन्मस्थान, अमुक स्थान से अमुक दूरी पर है, लेकिन अब वह स्थान अस्तित्व में नहीं है। वर्ष 1886 में जिला जज ने राम चबूतरे को जन्मस्थान मानते हुए पहां पूजा करने की इजाजत दी थी। लेकिन बाद में हिन्दू, जन्मस्थान मंदिर बताते हुए भीतरी अहाते और गुंबद वाली इमारत पर दावा करने लगे। विवाद मस्जिद के भीतर अहाते को लेकर है।जन्मस्थान पर विश्वास आस्था के आधार परजन्मस्थल पर भगवान राम के जन्म, विश्वास व आस्था के आधार पर है, कोई सबूत नहीं है। रामचरित्र मानस और रामायण में जन्मस्थान का जिक्र नहीं है। यह तो हिन्दू पक्ष को साबित करना है कि किस किताब में जन्मस्थान का जिक्र है।गुबंद के नीच कभी पूजा नहीं हुईइससे पहले मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा, मस्जिद के बीच वाले गुबंद के नीचे कभी पूजा नहीं हुई। 1949 में गलत तरीक से वहां मूर्ति रखी गई। सन् 1528 में बाबर के कमांडर मीर बाकी ने बाबरी मस्जिद बनवाई थी। तब से वहां नमाज पढ़ी जा रही थी। जबकि राम चबूतरे पर हिन्दू पूजा करते थे।कोर्ट रूम जस्टिस बोबडे (मुस्लिम पक्ष से): यानी आप इस बात पर विवाद नहीं कर रहे हैं कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ था।जिलानी (मुस्लिम पक्ष के वकील): अयोध्या का राम का जन्म हुआ, इसे लेकर कोई विवाद नहीं है। हमारा विवाद इस मस्जिद केभीतर अहाते में जन्मस्थान को लेकर है।जिलानी: 1949 से पहले मध्य गुंबद के नीचे पूजा का कोई सुबूत नहीं है।जस्टिस बोबडे: आपके पास यह सबूत है कि 1949 से पहले वहां नियमित रूप से नमाज होती थी।जिलानी: इसके लिखित सबूत तो नहीं है लेकिन जुबानी सबूत हैं।जस्टिस अशोक भूषण: रामचरित्र मानस और रामायण में अयोध्या में दशरथ महल में राम के जन्म का जिक्र है, स्थान का नहीं।जस्टिस चंद्रचूड़: ग्रंथों में जन्मथान का जिक्र नहीं है तो क्या भगवान राम का जन्म अयोध्या में नहीं हुआ?जस्टिस बोबडे: आइन-ए-अकबरी में मस्जिद का जिक्र क्यों नहीं है?जिलानी: किताब में रामजन्मभूमि का भी जिक्र नहीं है। जिक्र अवध का है।