
विक्रांत सिंह शेखावत
- भारत,
- 18-Mar-2025,
- (अपडेटेड 18-Mar-2025 01:23 PM IST)
Israel-Gaza Conflict: इजराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष ने एक बार फिर से गाजा को तबाही की ओर धकेल दिया है। सोमवार को इजराइल ने अचानक से गाजा में बमबारी शुरू कर दी, जिसमें अब तक 244 लोगों की जान जा चुकी है। इजराइल का कहना है कि उसने यह हमला इसलिए किया क्योंकि हमास शांति वार्ता के लिए तैयार नहीं था। लेकिन कई जानकार इसे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के राजनीतिक संकट से जोड़कर देख रहे हैं।
हमले और नेतन्याहू का भ्रष्टाचार केस
इस ताजा हमले की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि मंगलवार को नेतन्याहू के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक केस में गवाही होनी थी। पिछली सुनवाई में नेतन्याहू की तीखी प्रतिक्रिया के चलते जज ने उन पर नाराजगी जताई थी। अगर इस केस में नेतन्याहू दोषी पाए जाते हैं, तो उनकी सत्ता पर संकट आ सकता है।
टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा हमले के कारण यह सुनवाई टाल दी गई है। इससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि नेतन्याहू के लिए यह हमला राजनीतिक संकट से बचने का एक तरीका हो सकता है।
क्या युद्ध राजनीतिक अस्तित्व बचाने का साधन बन गया है?
नेतन्याहू पर पहले से ही भारी दबाव है। गाजा युद्ध में बंधकों की रिहाई कराने में विफलता और हमास के खिलाफ निर्णायक जीत हासिल न कर पाने के कारण इजराइल के अंदर उनके खिलाफ विरोध बढ़ा है। ऐसे में, जानकारों का मानना है कि अगर युद्ध को जारी रखा जाता है, तो यह उनके राजनीतिक अस्तित्व को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
हमले के पीछे की रणनीति या संयोग?
एक ओर इजराइली सरकार कह रही है कि यह हमला सुरक्षा कारणों से किया गया है, क्योंकि हमास लगातार संघर्ष विराम के प्रस्तावों को नजरअंदाज कर रहा था। दूसरी ओर, भ्रष्टाचार मामले में नेतन्याहू की सुनवाई टलने को लेकर संदेह बना हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इजराइल में आंतरिक राजनीति और गाजा युद्ध के बीच एक स्पष्ट संबंध दिख रहा है। नेतन्याहू पहले भी संकट के समय आक्रामक रणनीति अपनाकर सत्ता में बने रहे हैं। सवाल यह है कि क्या यह हमला वास्तव में राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला था या फिर राजनीतिक अस्तित्व बनाए रखने की एक चाल?
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भविष्य की स्थिति
इस ताजा हमले के बाद दुनिया भर में प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। संयुक्त राष्ट्र और कई मानवाधिकार संगठनों ने इस हमले की निंदा की है और युद्धविराम की अपील की है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या यह संघर्ष और लंबा खिंचता है, या फिर यह केवल एक राजनीतिक मोड़ था जिसे जल्द ही शांत कर दिया जाएगा। जो भी हो, गाजा में लगातार जारी बमबारी का खामियाजा वहां के निर्दोष नागरिकों को ही उठाना पड़ रहा है।