- भारत,
- 18-Apr-2025 09:40 AM IST
US-China Tariff War: वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में अमेरिका और चीन के बीच चल रहा टैरिफ युद्ध एक बार फिर चर्चा में है। दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं न केवल आपस में गहराई से जुड़ी हुई हैं, बल्कि वैश्विक बाजार पर भी गहरा प्रभाव डालती हैं। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने इस युद्ध में एक नया मोड़ लाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका चीन के साथ एक "बहुत अच्छा" व्यापार सौदा करने की दिशा में अग्रसर है।
ट्रंप की भविष्यवाणी: जल्द होगा सौदा
ट्रंप ने चीन के साथ व्यापारिक संबंधों में सख्ती के बाद अब लचीले रुख की ओर संकेत दिए हैं। उन्होंने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा, "हम एक सौदा करने जा रहे हैं। मुझे लगता है कि हम चीन के साथ एक बहुत अच्छा सौदा करने जा रहे हैं।" यह बयान तब आया जब अमेरिका ने बीजिंग की जवाबी कार्रवाइयों के जवाब में चीनी आयात पर 245 प्रतिशत तक भारी टैरिफ लगाया है।
यूरोप के साथ भी व्यापार समझौते की उम्मीद
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि यूरोप या अन्य देशों के साथ व्यापार समझौते करना तुलनात्मक रूप से आसान होगा। इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान उन्होंने EU के साथ 90-दिन की टैरिफ विराम अवधि समाप्त होने से पहले किसी समझौते की आशा जताई। इसका संकेत है कि अमेरिका वैश्विक व्यापार नीति में कुछ नर्मी और पुनर्संतुलन की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
चीन की प्रतिक्रिया: आत्मरक्षा और न्याय की बात
चीन की ओर से इस टैरिफ युद्ध पर सख्त प्रतिक्रिया आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि अमेरिका को इस टैरिफ डेटा का जवाब देना चाहिए, और चीन ने केवल अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा में जवाबी कार्रवाई की है। उनका साफ कहना था कि यह युद्ध अमेरिका ने शुरू किया, और चीन ने अंतरराष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय के सिद्धांतों के तहत ही प्रतिक्रिया दी है।
डरता नहीं है चीन
लिन जियान ने यह भी स्पष्ट किया कि चीन टैरिफ युद्ध नहीं चाहता, लेकिन वह इससे डरता भी नहीं है। उन्होंने यह भी दोहराया कि चीन सहयोग के लिए तैयार है और बातचीत के जरिए बाधाओं को दूर करने की प्रतिबद्धता रखता है। इससे यह संकेत मिलता है कि बीजिंग भी तनाव कम करने और व्यापारिक संबंधों में स्थिरता लाने की दिशा में रुचि रखता है।
क्या दोनों देश पीछे हटेंगे?
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे इस टैरिफ युद्ध का असर वैश्विक बाजारों पर भी पड़ रहा है। ट्रंप के ताजा बयानों से यह उम्मीद जागी है कि दोनों देश किसी समझौते की ओर बढ़ सकते हैं। हालांकि, यह देखना अभी बाकी है कि क्या यह "बहुत अच्छा" सौदा वास्तव में होगा या यह केवल कूटनीतिक बयानबाजी तक सीमित रहेगा।