West Bengal News / ‘ममता के इशारे पर बंगाल पुलिस नहीं करेगी CBI की मदद’- अधीर रंजन चौधरी ने जताई ये आशंका

पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को प्रदेश की ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महिला होकर भी महिला आंदोलन से डरती हैं। कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर अधीर रंजन चौधरी ने ममता सरकार को अपने निशाने पर लिया और पीड़िता के परिवार वालों को डराने एवं धमकाने का आरोप लगाया।

Vikrant Shekhawat : Aug 15, 2024, 08:20 PM
West Bengal News: पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को प्रदेश की ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महिला होकर भी महिला आंदोलन से डरती हैं। कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर अधीर रंजन चौधरी ने ममता सरकार को अपने निशाने पर लिया और पीड़िता के परिवार वालों को डराने एवं धमकाने का आरोप लगाया। चौधरी ने ममता पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें आशंका है कि सीएम के इशारे पर बंगाल पुलिस CBI की मदद नहीं करेगी।

‘पीड़िता के परिवार को रिश्वत देने की कोशिश हुई’

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मामले की असलियत उजागर नहीं हो, इसका बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हर संभव प्रयास करती रहेंगी। उन्होंने कहा, ‘मेरी आशंका है कि मुख्यमंत्री के इशारे पर बंगाल का पुलिस बल CBI को मदद नहीं करेगा, क्योंकि वो नहीं चाहते कि उनकी पार्टी का भंडाफोड़ हो। लोगों की नजर को भटकाने के लिए ये लोग तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। पीड़िता के परिवार को 10 लाख रुपये की रिश्वत देने का प्रयास किया गया। रिश्वत देते हुए पीड़ित परिवार से ये कहा गया कि जो हुआ वो हुआ, अब रुक जाओ, मामले की जांच-पड़ताल की मांग करने की जरूरत नहीं है।’

‘इस घटना में शामिल दरिंदों का नाम उजागर हो’

अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे पर आगे बोलते हुए कहा, ‘लेकिन इसके बावजूद पीड़िता के परिवार वाले न्याय की मांग कर रहे हैं। इस घटना में कौन-कौन से दरिंदे शामिल हैं, उनका नाम उजागर हो। सत्ताधारी पार्टी के मुख्यमंत्री से जनता द्वारा न्याय की गुहार लगाना गलत बात है क्या?’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि इंसाफ की मांग को लेकर सड़क पर निकली महिलाओं को डराया-धमकाया गया और आंदोलन को वापस लेने का दबाव बनाया गया। उन्होंने अपने बयान में राज्य सरकार की भूमिका की आलोचना की और कहा कि प्रदेश में सरकार भय का माहौल पैदा करना चाहती है।