Atul Subhash Suicide Case / अतुल सुभाष केस में बड़ी कार्रवाई, पत्नी निकिता, भाई और मां निशा सिंघानिया तीनों गिरफ्तार

बेंगलुरु पुलिस ने AI इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में पत्नी निकिता सिंघानिया, मां निशा, और भाई को गिरफ्तार किया है। निकिता गुरुग्राम, जबकि मां और भाई इलाहाबाद से पकड़े गए। कोर्ट ने सभी को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा। अतुल ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 90 मिनट का वीडियो छोड़ा था।

Vikrant Shekhawat : Dec 15, 2024, 09:16 AM
Atul Subhash Suicide Case: बेंगलुरु पुलिस ने चर्चित अतुल सुभाष सुसाइड केस में महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए मृतक की पत्नी निकिता सिंघानिया, मां निशा सिंघानिया और भाई को गिरफ्तार कर लिया है। निकिता को गुरुग्राम से और उसकी मां और भाई को इलाहाबाद से पकड़ा गया।

बेंगलुरु कोर्ट में पेशी के बाद ज्यूडिशियल कस्टडी

गिरफ्तारी के बाद सभी आरोपियों को बेंगलुरु लाया गया और कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तीनों को न्यायिक हिरासत (ज्यूडिशियल कस्टडी) में भेज दिया है। इससे पहले, 13 दिसंबर को बेंगलुरु पुलिस ने निकिता सिंघानिया के जौनपुर स्थित आवास पर नोटिस चिपकाया था।

24 पन्नों का सुसाइड नोट और 90 मिनट का वीडियो

34 वर्षीय AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने 11 दिसंबर को बेंगलुरु में अपने अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड से पहले उन्होंने 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट लिखा और रंबल प्लेटफॉर्म पर 90 मिनट का एक वीडियो अपलोड किया।

पत्नी और ससुरालवालों पर लगाए गंभीर आरोप

अतुल के सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी पत्नी निकिता और ससुराल वालों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि एक जज ने उनके मामले को निपटाने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की थी।

फरारी के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी

अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद से ही उनके ससुराल वाले फरार थे। जौनपुर स्थित उनके घर को खाली पाया गया था। पुलिस ने लगातार दबिश देकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।

पुलिस जांच में नए खुलासों की उम्मीद

इस हाई-प्रोफाइल केस ने समाज में मानसिक स्वास्थ्य और घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों पर बहस छेड़ दी है। पुलिस को उम्मीद है कि आरोपियों से पूछताछ के बाद इस केस में और भी कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।

निष्कर्ष
अतुल सुभाष सुसाइड केस ने एक बार फिर यह दिखाया है कि मानसिक उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना कितना जरूरी है। इस मामले में सख्त कार्रवाई से यह संदेश गया है कि कानून से कोई बच नहीं सकता।