पंचायत चुनाव परिणाम / UP विधानसभा चुनाव से पहले BJP को बूस्टर डोज, 75 में 67 सीटों पर कब्जा

यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली है। माना जा रहा है कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले यह जीत भाजपा के लिए बूस्टर डोज है। 2015 में यूपी की आधी से ज्यादा सीटों पर राज करने वाली सपा को करारा झटका लगा है। सोनिया गांधी की ससंदीय सीट रायबरेली और सपा के मैनपुरी जिले में भी भाजपा ने सेंधमारी की है। भाजपा ने रायबरेली में कांग्रेस और मैनपुरी में सपा का किला ढहा दिया है।

Vikrant Shekhawat : Jul 03, 2021, 09:26 PM
यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली है। माना जा रहा है कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले यह जीत भाजपा के लिए बूस्टर डोज है। 2015 में यूपी की आधी से ज्यादा सीटों पर राज करने वाली सपा को करारा झटका लगा है। सोनिया गांधी की ससंदीय सीट रायबरेली और सपा के मैनपुरी जिले में भी भाजपा ने सेंधमारी की है। भाजपा ने रायबरेली में कांग्रेस और मैनपुरी में सपा का किला ढहा दिया है। पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में 67 जिलों में भाजपा को अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की खुशी मिली है। यह खुशी इसलिए और बड़ी मानी जा रही है क्योंकि महज कुछ माह बाद ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस जीत के बड़े संदेशों के साथ भाजपा की ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रियता और बढ़ेगी।

67 में से 21 जिला पंचायत अध्यक्ष पहले ही निर्विरोध हो गए थे। शनिवार को हुए चुनाव में 46 प्रत्याशियों ने प्रतिद्वंदियों को सीधे मुकाबले में हराकर जीत हासिल की। आज हुए मतदान में भाजपा प्रत्याशियों को निर्दलियों का काफी समर्थन मिला। पार्टी से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले चुनाव में भाजपा को कुल तीन जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत हासिल हुई थी। उससे पूर्व भी भाजपा को कभी इतनी बड़ी जीत नहीं मिली थी। वेस्ट यूपी में भी एक सीट को छोड़कर भाजपा ने विपक्ष का पूरी तरह से सफाया कर दिया। बागपत में रालोद ने कब्जा बरकरार रखा। 75 में से 67 भाजपा, पांच सपा, एक-एक लोकदल और जनसत्ता दल ने सीट जीती। वहीं एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई है। 

जीतने वाले भाजपा उम्मीदवारों को सीएम योगी ने दी बधाई

जिला पंचायत चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत पर सीएम योगी ने बधाई दी है। 75 में से 67 सीटों पर भाजपा की जीत पर सीएम योगी ने कहा कि यह जीत पार्टी की बड़ी उपलब्धि है।  वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी भाजपा की इस जीत को ऐतिहासिक जीत बताया। उन्होंने कहा कि सपा ने इन चुनावों में जीतने के लिए अपने गुंडों और माफियाओं को सत्ता से हटा दिया है, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। डिप्टी सीएम ने ट्वीट कर कहा कि मैं बहुत खुश हूं। मैं जिला पंचायत सदस्यों को धन्यवाद देता हूं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी भाजपा की जीत को 2022 की जीत बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 75 जिला पंचायत अध्यक्ष सीटों से 67 सीटों पर जीत हासिल की है। हम 2022 का विधानसभा चुनाव भी जीतेंगे।

पूर्वांचल में भी सपा पर भारी पड़ी भाजपा, आधी से ज्यादा सीटों पर कब्जा

जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पूर्वांचल में भी सपा पर भाजपा भारी पड़ी है। आधी से ज्यादा सीटों पर उसका कब्जा हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्रों वाराणसी और आजमगढ़ समेत दस जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों में से 6 सीटें बीजेपी और उसकी सहयोगी अपना दल  के पाले में आ गई हैं। सपा को केवल दो सीटों बलिया और आजमगढ़ में जीत मिली है। दो सीटों पर निर्दल जीते हैं। भदोही में भाजपा विधायक रविंद्र त्रिपाठी के भाई और जौनपुर में जीते निर्दल प्रत्याशियों के भाजपा में धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को जीत मिली है। इन दोनों के भी भाजपा में शामिल हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है। वाराणसी और मऊ में पहले ही भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध चुने जा चुके थे। शनिवार को मिर्ज़ापुर, गाजीपुर, चंदौली और सोनभद्र बीजेपी गठबंधन ने जीत ली। 

ब्रज की छह सीटों पर भाजपा का कब्जा

जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने विपक्षियों को धूल चटा दी है। भाजपा ने ब्रज में भी अपना परचम फहरा दिया है। यहां की 6 सीटों में से 5 पर भाजपा ने जीत दर्ज की। 5 सीटों में से एक जीत निर्विरोध दर्ज हुई थी। वहीं एक सीट सपा के खाते में गई। मथुरा में भाजपा के किशन चौधरी ने रालोद-सपा के संयुक्त प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सिकरवार को 11 मतों से हराया। यहां कुल सदस्यों की संख्या 33 थी। फिरोजाबाद में दिन भर चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद भाजपा की हर्षिता सिंह को जीता घोषित किया गया। उन्होंने सपा की रुचि यादव को 8 वोटों से हराया। यहां कुल सदस्यों की संख्या 33 थी। इनमें से हर्षिता सिंह को 19, रुचि को 11 वोट मिले और 3 वोट निरस्त घोषित किए गए। निरस्त मतों में भाजपा के दो और सपा का एक मत है।

मेरठ समेत 13 जिलों में भाजपा का कब्जा

जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा ने इस बार इतिहास रच दिया है। पहली बार मेरठ, मुजफ्फरनगर समेत 13 जिलों में भाजपा ने परचम लहराया है। बागपत को छोड़ विपक्ष का सफाया कर दिया। बागपत में रालोद ने कब्जा बरकरार रखा। सात सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने निर्विरोध जीत दर्ज की है। स्थापना के बाद से आज तक पश्चिमी उप्र में भाजपा ने इतनी बड़ी जीत दर्ज नहीं की। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने सभी 14 सीटों पर ताल ठोंका था। नामांकन वापसी के बाद गत शनिवार को ही मेरठ, बुलन्दशहर, सहारनपुर समेत पश्चिमी उप्र की सात सीटों पर भाजपा ने निर्विरोध जीत दर्ज कर ली। सात सीटों पर मुकाबला था। पहली बार पश्चिमी उप्र में भाजपा की झोली में जिला पंचायत अध्यक्ष के 13 पद आए हैं, जो एक रिकॉर्ड है। मुजफ्फरनगर में भाजपा ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है। वहीं रालोद ने बागपत पर कब्जा जमाए रखा। बसपा, सपा, कांग्रेस और निर्दलीयों का सफाया हो गया। 

आजम और बर्क के गढ़ में भी सपा की हार

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा ने मंडल की सभी सीटें जीत ली हैं। मुरादाबाद और अमरोहा में भाजपा के प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे, जबकि रामपुर और संभल में शनिवार को कड़ी सुरक्षा में मतदान कराया गया। दोपहर बाद दोनों ही सीटों के परिणाम घोषित कर दिए गए। आजम खां के गढ़ में भाजपा ने अपनी सीट को बरकरार रखा। यहां से भाजपा प्रत्याशी ख्याली राम लोधी जीते हैं, जबकि डॉ. बर्क के गढ़ संभल में भाजपा ने इतिहास रहते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर पहली बार जीत हासिल की है। संभल में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर सपा पिछले दस साल से काबिज थी, जिसे भाजपा की अनामिका यादव ने छीन लिया है।