Assembly Election 2024: मंगलवार को निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी। इसके साथ ही, विभिन्न राज्यों की 48 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव का भी ऐलान किया गया। चुनाव तारीखों के घोषित होते ही राजनीतिक गतिविधियों ने जोर पकड़ लिया है, खासतौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में। भाजपा मुख्यालय में एक अहम बैठक बुलाई गई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेने वाले हैं। इस बैठक में झारखंड विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा और मुहर लगाए जाने की संभावना है।
भाजपा के नेताओं की अहम बैठक
दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें झारखंड को लेकर बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा, झारखंड के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी और दीपक प्रकाश समेत चुनाव समिति के सदस्य उपस्थित हैं। पीएम मोदी के भी इस बैठक में शामिल होने की संभावना है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा इन चुनावों को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और संगठनात्मक रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटी है।
सीट बंटवारे पर चर्चा
झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, भाजपा और एनडीए के बीच सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर भी चर्चा की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों में से 67 सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवार खड़े करेगी, जबकि 14 सीटें गठबंधन के दलों को दी जा सकती हैं। एनडीए के साथ होने वाली इस सीट बंटवारे की रणनीति से झारखंड में चुनावी समीकरण को भाजपा अपने पक्ष में करना चाहेगी।
महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी शेड्यूल
निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित चुनावी कार्यक्रम के अनुसार, महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होगा, और वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी। वहीं, झारखंड में दो चरणों में मतदान होने वाला है—13 और 20 नवंबर को। झारखंड के चुनाव परिणाम भी 23 नवंबर को ही घोषित किए जाएंगे। इन दो राज्यों के चुनावों के साथ ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी उपचुनाव की तैयारियां हो रही हैं। यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे, जबकि उत्तराखंड के केदारनाथ में 20 नवंबर को उपचुनाव होगा। इन सभी उपचुनावों के नतीजे भी 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
भाजपा की चुनावी रणनीति
चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद भाजपा तेजी से चुनावी तैयारियों में जुट गई है। पार्टी का फोकस मुख्य रूप से उम्मीदवारों के चयन, चुनावी प्रचार और गठबंधन के समीकरणों को मजबूत करने पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में उपस्थिति यह दर्शाती है कि भाजपा झारखंड और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में जीत को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसके अलावा, झारखंड में भाजपा को विपक्षी दलों से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए पार्टी हर कदम को सोच-समझकर उठाने की योजना बना रही है।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र और झारखंड के आगामी विधानसभा चुनाव न केवल इन राज्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि भाजपा के लिए भी यह एक अहम परीक्षा साबित हो सकते हैं। उपचुनावों के साथ-साथ इन राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की रणनीति और गठबंधन की भूमिका निर्णायक होगी। चुनावी माहौल गरमाने के साथ, सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है, और अगले कुछ हफ्तों में राजनीति के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।