देश / सीडीएस जनरल रावत को ले जाते वक्त क्रैश हुए हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स किया गया बरामद

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत को ले जाते वक्त तमिलनाडु में क्रैश हुए वायुसेना के Mi-17V5 हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स बरामद हो गया है। इस दुर्घटना में बुधवार को सीडीएस रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य की मौत हुई थी। इस दुर्घटना में जीवित बचे एक मात्र शख्स ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह मिलिट्री अस्पताल में भर्ती हैं।

Vikrant Shekhawat : Dec 09, 2021, 07:35 PM
नई दिल्ली: तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे से पहले का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें हेलिकॉप्टर हवा में उड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. इस वीडियो को एक पर्यटक ने बनाया है. इसकी पुष्टि आजतक नहीं करता है.

न्यूज एजेंसी ANI की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो सीडीएस जनरल बिपिन रावत के उसी Mi-17 हेलिकॉप्टर का है, जो हादसे का शिकार हो गई थी. इसे एक पर्यटक ने बनाया. हेलिकॉप्टर घने कोहरे के बीच दिखाई दे रहा है. बताया जा रहा है कि यह वीडियो हादसे से कुछ सेकंड पहले का है.

इस बीच निदेशक श्रीनिवासन के नेतृत्व में तमिलनाडु फोरेंसिक साइंस डिपार्टमेंट की एक टीम कुन्नूर में कैटरी के पास दुर्घटनास्थल पर पहुंची है. वहां पहले से मौजूद वायुसेना की टीम ने हेलिकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स को बरामद कर लिया है. इस ब्लैक बॉक्स के जरिए अब पता चल पाएगा कि आखिरी वक्त पर क्या हुआ था.

क्या होता है ब्लैक बॉक्स

किसी भी प्लेन या हेलिकॉप्टर का सबसे जरूरी हिस्सा ब्लैक बॉक्स होता है. यह हेलिकॉप्टर या प्लेन के उड़ान के दौरान विमान से जुड़ी सभी तरह की गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है. यह पायलट और ATC के बीच बातचीत का रिकॉर्ड इकट्ठा करता है. इसके अलावा पायलट और को-पायलट की बातचीत भी रिकॉर्ड होती है. इसे डाटा रिकॉर्डर भी कहा जाता है.

कैसे हुआ था हादसा?

सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी मधुलिका रावत और सेना के कई बड़े अफसरों की टीम के साथ बुधवार को दोपहर 11.30 बजे वीवीआईपी चॉपर MI-17 V-5 में सुलूर से कुन्नूर के लिए निकले थे. उन्हें कुन्नूर के डिफेंस सर्विसेज़ स्टाफ कॉलेज में उन्हें लेक्चर देना था. हेलिकॉप्टर ने पूरी तरह से सुरक्षित उड़ान भरी थी.

सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर तकरीबन 50 मिनट का सफर तय कर चुका था. सुलूर से करीब 94 किलोमीटर का हवाई सफर पूरा हो चुका था. अब सिर्फ 10 से 15 किलोमीटर की दूरी और बची थी. वे सफर के आखिरी हिस्से में थे. अचानक हेलिकॉप्टर हिचकोले खाने लगा. पायलट ने संतुलन खोया और चंद मिनट के भीतर हेलिकॉप्टर शोलों में तब्दील हो गया.