Vikrant Shekhawat : Sep 09, 2020, 09:43 PM
न्यूज हेल्पलाइन . मुम्बई | मनोज बाजपेयी का अपनी आवाज में गाया हुआ भोजपुरी रैप सांग आज रिलीज किय गया। रैप सांग जितना सुनने में मजेदार हैं उतना ही वह उत्तरप्रदेश और बिहार के प्रशासन के काम-काज पर भी सवाल उठाते दिखाई दे रहा है। मनोज बाजपेयी के हर एक बोल में बेरोजगारी,अपराध के दर्द के साथ साथ मुंबई में छोटे-छोटे काम करने वाले हर मजदूरों की कहानी को भी बताया है। मनोज भले ही डांस मूव्स ज्यादा ना कर रहे हैं पर कूल लूक में सर पर हेयर बैंड लगाए, कभी टी-शर्ट तो कभी शर्ट पहने ब्लैंक एंड वाइट विडियो में रैप गा रहें हैं।
करीब साढ़े छह मिनट के इस रैप सांग में मनोज मुंबई सेंट्रल के प्लेटफार्म पर सोफा डाले बैठकर अपने गाने की शुरुआत करते हैं। वहीं विडियो की शुरुआत सबसे पहले प्रवासी मजदूरों के खबरों से की जाती हैं कि, कैसे वह मुंबई से पैदल अपने गांव पहुंचे।फिर मनोज अपने रैप सांग की शुरुआत करते हुए भोजपुरी में पूरे रैप को गाते हैं। आधे रैप सांग में बंम्बई में एक प्रवासी मजदूर की जिंदगी कैसी होती है यह बताते हैं। मजदूर बड़े बिल्डींग की नींव रखता है पर खुद छत से पानी टपक रहें झोपड़पट्टी वाले घर में रहता है। दो समय की रोटी कमाने के लिए वह नमक रोटी भी खाकर रह जाता है तो वहीं गांव के लिट्टी चोखा, दूध, घी को छोड़कर बंम्बई में भजीया पाव से अपना काम चलाता है। घर में अपने बच्चों और परिवार को छोड़कर अकेले इस शहर में भटकता हैं। कुछ इस तरह से आधे गाने में मुंबई में मजदूर की जिंदगी के बारे में मनोज बताते हैं।वहीं गाने के दूसरे आधे भाग के रैप सांग में , मजदूर क्यों अपने गांव उत्तरप्रदेश,बिहार नही जा सकता? यह बताते हैं। गांव में हो रहें अपराध, स्कूल और शिक्षा की कोई व्यवस्था ना होने, बेरोजगार की समस्या और बलात्कार जैसे मामलों की बात करते हैं । जिससे एक इंसान को उसके खुद के गांव को छोड़कर बाहर कमाई करने के लिए जाना पड़ता हैं। बीच बीच में मनोज अपने बेहतरीन अंदाज में गाने के बोल पर जोर भी देते हैं जिससे एक ह्युमन टच दिखाई देता है।और अंत में मनोज 'बम भोले' बोलते हुए 'हमें तो चलते ही रहना है' यह कहते हैं।मनोज बाजपेयी अनुभव सिन्हा ने साथ मिलकर इस भोजपुरी रैप सांग को बनाया हैं। अनुभव सिन्हा ने इस गाने को डायरेक्ट किया वहीं अपने प्रोडक्शन हाउस 'बनारस मिडिया वर्क' और हाल ही में रिलीज किए गए अपने म्यूजिक प्रोडक्शन हाउस 'बनारस बीट्स' के अंडर बनाया और टी-सीरीज के बैनर के अंडर यह गाना रिलीज किया गया। इस गाने के बोल डॉ सागर ने लिखा है।
करीब साढ़े छह मिनट के इस रैप सांग में मनोज मुंबई सेंट्रल के प्लेटफार्म पर सोफा डाले बैठकर अपने गाने की शुरुआत करते हैं। वहीं विडियो की शुरुआत सबसे पहले प्रवासी मजदूरों के खबरों से की जाती हैं कि, कैसे वह मुंबई से पैदल अपने गांव पहुंचे।फिर मनोज अपने रैप सांग की शुरुआत करते हुए भोजपुरी में पूरे रैप को गाते हैं। आधे रैप सांग में बंम्बई में एक प्रवासी मजदूर की जिंदगी कैसी होती है यह बताते हैं। मजदूर बड़े बिल्डींग की नींव रखता है पर खुद छत से पानी टपक रहें झोपड़पट्टी वाले घर में रहता है। दो समय की रोटी कमाने के लिए वह नमक रोटी भी खाकर रह जाता है तो वहीं गांव के लिट्टी चोखा, दूध, घी को छोड़कर बंम्बई में भजीया पाव से अपना काम चलाता है। घर में अपने बच्चों और परिवार को छोड़कर अकेले इस शहर में भटकता हैं। कुछ इस तरह से आधे गाने में मुंबई में मजदूर की जिंदगी के बारे में मनोज बताते हैं।वहीं गाने के दूसरे आधे भाग के रैप सांग में , मजदूर क्यों अपने गांव उत्तरप्रदेश,बिहार नही जा सकता? यह बताते हैं। गांव में हो रहें अपराध, स्कूल और शिक्षा की कोई व्यवस्था ना होने, बेरोजगार की समस्या और बलात्कार जैसे मामलों की बात करते हैं । जिससे एक इंसान को उसके खुद के गांव को छोड़कर बाहर कमाई करने के लिए जाना पड़ता हैं। बीच बीच में मनोज अपने बेहतरीन अंदाज में गाने के बोल पर जोर भी देते हैं जिससे एक ह्युमन टच दिखाई देता है।और अंत में मनोज 'बम भोले' बोलते हुए 'हमें तो चलते ही रहना है' यह कहते हैं।मनोज बाजपेयी अनुभव सिन्हा ने साथ मिलकर इस भोजपुरी रैप सांग को बनाया हैं। अनुभव सिन्हा ने इस गाने को डायरेक्ट किया वहीं अपने प्रोडक्शन हाउस 'बनारस मिडिया वर्क' और हाल ही में रिलीज किए गए अपने म्यूजिक प्रोडक्शन हाउस 'बनारस बीट्स' के अंडर बनाया और टी-सीरीज के बैनर के अंडर यह गाना रिलीज किया गया। इस गाने के बोल डॉ सागर ने लिखा है।