Vikrant Shekhawat : May 30, 2022, 05:28 PM
IPL 2022: आईपीएल का 15वां सीजन नई टीम गुजरात टाइटन्स के नाम रहा। कप्तान हार्दिक पंड्या ने न सिर्फ अपने खेल से सभी का प्रभावित किया, बल्कि खुद को भी बुरे दौर से बाहर निकाल लिया। फाइनल मैच खत्म होने के चंद पलों बाद ही पंड्या आईपीएल की ट्रॉफी को यूं प्यार से सहेजते नजर आए मानो कोई पिता अपने बच्चे से लाड़ कर रहा हो।
आखिर उनकी कड़ी मेहनत का ही फल था कि गुजरात टाइटन्स अपने पहले ही सीजन में इस लोक लुभावनी लीग की विजेता बनी। हार्दिक को उनकी पत्नी नताशा ने गले लगाया मानो विश्वास दिला रही हो कि बुरे दौर में उनके पीछे खड़ा रहने वाला परिवार अच्छे दिनों में भी उसी तरह उनके साथ है।
एक लापरवाह युवा से जिम्मेदार कप्तान।।।अपने हरफनमौला प्रदर्शन से फाइनल में टीम को जीत दिलाने वाले हार्दिक ने कहा, ‘मैं प्यार पर ही जीता हूं जो मुझे अपने परिवार से भरपूर मिलता है।’ चमकीले जैकेट और कान में हीरे के टॉप्स पहनने वाले हार्दिक शुरुआती दिनों में ग्लैमर में डूबे युवा की तरह नजर आते थे, लेकिन एक लापरवाह युवा से जिम्मेदार कप्तान बनने तक का उनका सफर उनके जीवट की कहानी कहता है।पत्नी नताशा, बेटा अगस्त्य, भाई क्रुणाल और वैभव, भाभी पंखुड़ी उनकी ढाल की तरह रहे हैं। हार्दिक ने कहा, ‘नताशा काफी भावुक है और मुझे अच्छा करते देख बहुत खुश हो जाती है। उसने मेरे करियर में काफी उतार-चढाव देखें हैं और उसे पता है कि मैंने कितनी मेहनत की है।’
पंड्या बोले- मेरा परिवार मेरी ताकत रहा हैउन्होंने कहा, ‘मेरा परिवार मेरी ताकत रहा है। मेरा भाई कृणाल, भाभी पंखुड़ी, दूसरा भाई वैभव। इन सभी नहीं कठिन दौर में भी मुझे मानसिक सकून दिया। मैंने फोन किया तो भाई और भाभी दोनों रो पड़े। ये खुशी के आंसू थे। मुझे पता है कि जब तक ऐसे लोग मेरे पीछे हैं, मैं अच्छा खेल सकता हूं।’महेंद्र सिंह धोनी की तरह शांतचित्त होकर कप्तानी करने वाले हार्दिक को जब गुजरात का कप्तान बनाया गया तो क्रिकेट पंडितों ने टीम को मैदान पर उतरने से पहले ही दौड़ से बाहर मान लिया था। लेकिन हार्दिक ने हार नहीं मानी थी और मोर्चे से अगुवाई करते हुए 487 रन बनाने के साथ 8 विकेट भी निकाले।
।।। ताकि दूसरों के लिए मिसाल बन सकूंउन्होंने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैंने हमेशा जिम्मेदारी का मजा लिया है। मैं मोर्चे से अगुवाई करना पसंद करता हूं, ताकि मिसाल दे सकूं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर मैं टीम से कुछ अपेक्षा करता हूं तो मुझे सबसे पहले उसके अनुरूप खेलना होगा, ताकि दूसरों के लिए मिसाल बन सकूं।’अपने छह साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में हार्दिक चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 फाइनल खेल चुके हैं और टी20 विश्व कप 2016 तथा वनडे विश्व कप 2019 सेमीफाइनल में पहुंच चुके हैं। 9 जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए वह नीली जर्सी में वापसी करेंगे और उनका लक्ष्य विश्व कप खिताब जीतना है।‘भारत के लिए विश्व कप जीतना सपना हैहार्दिक ने कह, ‘भारत के लिए विश्व कप जीतना सपना है। मैं हमेशा से टीम को पहले रखता आया हूं और लक्ष्य टीम को आईसीसी खिताब दिलाना है।’ इससे पहले चार बार मुंबई इंडियंस के साथ आईपीएल खिताब जीत चुके हार्दिक ने गुजरात टाइटन्स के साथ मिली कामयाबी को खास बताया।उन्होंने कहा, ‘यह खिताब खास है क्योंकि मैंने बतौर कप्तान जीता है। इससे पहले 2015, 2017, 2019 और 2020 में मिले खिताब भी खास थे। मैं खुशकिस्मत हूं कि 5 बार आईपीएल खिताब जीता, लेकिन इस बार के खिताब से इतिहास बना हैं। हमें 1 लाख 10 हजार लोगों का मैदान पर समर्थन मिला और अपनी कड़ी मेहनत का फल भी।’
आखिर उनकी कड़ी मेहनत का ही फल था कि गुजरात टाइटन्स अपने पहले ही सीजन में इस लोक लुभावनी लीग की विजेता बनी। हार्दिक को उनकी पत्नी नताशा ने गले लगाया मानो विश्वास दिला रही हो कि बुरे दौर में उनके पीछे खड़ा रहने वाला परिवार अच्छे दिनों में भी उसी तरह उनके साथ है।
एक लापरवाह युवा से जिम्मेदार कप्तान।।।अपने हरफनमौला प्रदर्शन से फाइनल में टीम को जीत दिलाने वाले हार्दिक ने कहा, ‘मैं प्यार पर ही जीता हूं जो मुझे अपने परिवार से भरपूर मिलता है।’ चमकीले जैकेट और कान में हीरे के टॉप्स पहनने वाले हार्दिक शुरुआती दिनों में ग्लैमर में डूबे युवा की तरह नजर आते थे, लेकिन एक लापरवाह युवा से जिम्मेदार कप्तान बनने तक का उनका सफर उनके जीवट की कहानी कहता है।पत्नी नताशा, बेटा अगस्त्य, भाई क्रुणाल और वैभव, भाभी पंखुड़ी उनकी ढाल की तरह रहे हैं। हार्दिक ने कहा, ‘नताशा काफी भावुक है और मुझे अच्छा करते देख बहुत खुश हो जाती है। उसने मेरे करियर में काफी उतार-चढाव देखें हैं और उसे पता है कि मैंने कितनी मेहनत की है।’
पंड्या बोले- मेरा परिवार मेरी ताकत रहा हैउन्होंने कहा, ‘मेरा परिवार मेरी ताकत रहा है। मेरा भाई कृणाल, भाभी पंखुड़ी, दूसरा भाई वैभव। इन सभी नहीं कठिन दौर में भी मुझे मानसिक सकून दिया। मैंने फोन किया तो भाई और भाभी दोनों रो पड़े। ये खुशी के आंसू थे। मुझे पता है कि जब तक ऐसे लोग मेरे पीछे हैं, मैं अच्छा खेल सकता हूं।’महेंद्र सिंह धोनी की तरह शांतचित्त होकर कप्तानी करने वाले हार्दिक को जब गुजरात का कप्तान बनाया गया तो क्रिकेट पंडितों ने टीम को मैदान पर उतरने से पहले ही दौड़ से बाहर मान लिया था। लेकिन हार्दिक ने हार नहीं मानी थी और मोर्चे से अगुवाई करते हुए 487 रन बनाने के साथ 8 विकेट भी निकाले।
।।। ताकि दूसरों के लिए मिसाल बन सकूंउन्होंने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैंने हमेशा जिम्मेदारी का मजा लिया है। मैं मोर्चे से अगुवाई करना पसंद करता हूं, ताकि मिसाल दे सकूं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर मैं टीम से कुछ अपेक्षा करता हूं तो मुझे सबसे पहले उसके अनुरूप खेलना होगा, ताकि दूसरों के लिए मिसाल बन सकूं।’अपने छह साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में हार्दिक चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 फाइनल खेल चुके हैं और टी20 विश्व कप 2016 तथा वनडे विश्व कप 2019 सेमीफाइनल में पहुंच चुके हैं। 9 जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए वह नीली जर्सी में वापसी करेंगे और उनका लक्ष्य विश्व कप खिताब जीतना है।‘भारत के लिए विश्व कप जीतना सपना हैहार्दिक ने कह, ‘भारत के लिए विश्व कप जीतना सपना है। मैं हमेशा से टीम को पहले रखता आया हूं और लक्ष्य टीम को आईसीसी खिताब दिलाना है।’ इससे पहले चार बार मुंबई इंडियंस के साथ आईपीएल खिताब जीत चुके हार्दिक ने गुजरात टाइटन्स के साथ मिली कामयाबी को खास बताया।उन्होंने कहा, ‘यह खिताब खास है क्योंकि मैंने बतौर कप्तान जीता है। इससे पहले 2015, 2017, 2019 और 2020 में मिले खिताब भी खास थे। मैं खुशकिस्मत हूं कि 5 बार आईपीएल खिताब जीता, लेकिन इस बार के खिताब से इतिहास बना हैं। हमें 1 लाख 10 हजार लोगों का मैदान पर समर्थन मिला और अपनी कड़ी मेहनत का फल भी।’