Amit Shah News: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में दिए गए भाषण के बाद विपक्षी दलों ने एक बार फिर बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के सम्मान को लेकर माफी की मांग शुरू कर दी है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री से आंबेडकर के संदर्भ में की गई टिप्पणी को लेकर माफी मांगने की अपील की। उनका कहना था कि देश के संविधान निर्माता का अपमान सहन नहीं किया जा सकता है। साथ ही, राहुल गांधी ने संसद परिसर में विपक्ष द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें भी साझा की। इस मुद्दे पर अब सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर अमित शाह से माफी की मांग कर रही हैं।
अमित शाह का जवाब: कांग्रेस पर आरोप
इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस विवाद पर प्रेस को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि संसद में पक्ष और विपक्ष का दृष्टिकोण अलग-अलग हो सकता है, लेकिन बातचीत तथ्यों और सत्य के आधार पर होनी चाहिए। अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश की, जो बेहद निंदनीय है। उनका कहना था कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के वक्ताओं ने हमेशा संविधान और उसके रचनाकारों के बारे में उदाहरण देकर बात की है, जबकि कांग्रेस ने संविधान निर्माता आंबेडकर का लगातार विरोध किया।
आंबेडकर और सावरकर का अपमान
अमित शाह ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने न सिर्फ डॉ. आंबेडकर का अपमान किया, बल्कि वीर सावरकर और भारतीय न्यायपालिका का भी अपमान किया। उन्होंने यह दावा किया कि जब तक कांग्रेस सत्ता में रही, तब तक बाबासाहेब आंबेडकर का सम्मान नहीं किया गया। अमित शाह ने उदाहरण देते हुए बताया कि बाबा साहेब की हार सुनिश्चित करने में कांग्रेस ने विशेष प्रयास किए और यहां तक कि आंबेडकर की 100वीं जयंती मनाने की अनुमति भी नहीं दी। उन्होंने यह भी कहा कि जब बाबा साहेब को भारत रत्न मिला, तब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी, बल्कि भाजपा सरकार के सहयोग से यह सम्मान प्राप्त हुआ था।
भाजपा का आंबेडकर के प्रति योगदान
अमित शाह ने कहा कि भाजपा कभी भी बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान नहीं कर सकती। उन्होंने उदाहरण दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में संविधान दिवस की घोषणा की और 2018 में आंबेडकर के महापरिनिर्वाण स्थल पर स्मारक का उद्घाटन किया। उनका कहना था कि कांग्रेस ने आंबेडकर और उनके सिद्धांतों का विरोध किया, जबकि भाजपा ने उनके सिद्धांतों का प्रचार किया और आरक्षण को मजबूत करने का कार्य किया।
मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस का आरोप
अमित शाह ने मल्लिकार्जुन खरगे को भी निशाने पर लिया और कहा कि उन्हें राहुल गांधी के दबाव में आकर कांग्रेस के इस निंदनीय प्रयास का हिस्सा नहीं बनना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और भ्रांति फैलाने का प्रयास किया। शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने आंबेडकर के विचारों के खिलाफ खड़ा होकर आरक्षण की विरोधी रही है, उदाहरणस्वरूप 1980 में मंडल आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।
अमित शाह का बयान राज्यसभा के रिकॉर्ड में
अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका पूरा बयान राज्यसभा के रिकॉर्ड में मौजूद है और कांग्रेस ने जब उनके बयान का सही संदर्भ पेश नहीं किया, तो उन्होंने इसे तोड़कर भ्रांति फैलाने का काम किया। शाह ने अंत में कहा कि वह उस पार्टी से आते हैं जो कभी भी बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों का अपमान नहीं कर सकती।इस बयान और माफी की मांग के बीच यह विवाद अब राजनीतिक बयानबाजी से आगे बढ़कर समाज में चर्चाओं का विषय बन गया है। विपक्ष जहां इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री से माफी की मांग कर रहा है, वहीं भाजपा अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए आंबेडकर के प्रति अपनी निष्ठा और सम्मान को लेकर सार्वजनिक रूप से सफाई दे रही है।