Valentine's Day / किराए पर बॉयफ्रेंड बनता है ये शख्स, अब तक इतनी लड़कियों को कर चुका है डेट

यह शख्स पिछले तीन साल से वेलेंटाइन डे (Valentine's Day) पर किराए का ब्वॉयफ्रेंड (Boyfriend) बनता है और इस शख्स का नाम है शकुल। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे (Humans of Bombay) के पेज पर शकुल ने लिखा है कि मेरी जिंदगी में कभी कोई गर्लफ्रेंड नहीं रही। मैं बस एक बार किसी को हां कहना चाहता हूं। जब दोस्त डेट पर जाते थे तो मुझे दुख होता था। फिर मैं अकेले निकल जाता था। हालांकि, अब बहुत कुछ बदल गया है।

Vikrant Shekhawat : Feb 06, 2021, 10:49 AM
मुंबई: वेलेंटाइन डे (Valentine's Day) यानी प्यार के इजहार का दिन करीब है। 14 फरवरी के लिए युवाओं ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। वैसे, 7 से 14 फरवरी तक हर रोज कुछ न कुछ होता ही रहता है जैसे कि बाद प्रपोज डे, चॉकलेट डे आदि। वेलेंटाइन डे पर जहां कुछ नए रिश्ते जुड़ते हैं वहीं, पहले से प्यार के बंधन में बंधे युवा इस दिन को सेलिब्रेट करके अपने रिश्ते को मजबूती देते हैं। हालांकि, जिनकी लाइफ में पार्टनर (Partner) की कमी है, उनके लिए वेलेंटाइन डे बुरे अहसास जैसा ही है। लेकिन एक शख्स है, जो इस ‘अहसास’ को बदलने में लगा है। 

‘Friends को देखकर दुख होता था’

यह शख्स पिछले तीन साल से वेलेंटाइन डे (Valentine's Day) पर किराए का ब्वॉयफ्रेंड (Boyfriend) बनता है और इस शख्स का नाम है शकुल। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे (Humans of Bombay) के पेज पर शकुल ने लिखा है कि मेरी जिंदगी में कभी कोई गर्लफ्रेंड नहीं रही। मैं बस एक बार किसी को हां कहना चाहता हूं। जब दोस्त डेट पर जाते थे तो मुझे दुख होता था। फिर मैं अकेले निकल जाता था। हालांकि, अब बहुत कुछ बदल गया है।

Girlfriend बनाने में हैं कमजोर 

बकौल शकुल, वेलेंटाइन डे मुझे बताता है कि मैं गर्लफ्रेंड बनाने में कितना कमजोर हूं। कपल्स को एक दूसरे को प्रपोज करते सुनता हूं तो दुख होता है। मैंने कई लड़कियों को प्रपोज किया, लेकिन उन्होंने केवल दोस्त कहकर मेरा प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसके बाद मैंने उन लड़कियों के बारे में सोचना शुरू किया, जो वेलेंटाइन डे पर अकेली रहती हैं और साथी पाने की चाहत रखती हैं। 

‘तब कहीं खो जाता है अकेलापन’

शकुल पिछले 3 सालों से रेंट पर ब्वॉयफ्रेंड बनते आ रहे हैं। वह कहते हैं कि बीते 3 साल में वह 45 महिलाओं के साथ डेट पर जा चुके हैं। जब अकेला महसूस करने वाले मिलते हैं, तो अकेलापन कहीं खो जाता है। शकुल का कहना है कि उनके इस प्रयास से दोनों को ही खुशी मिल जाती है, भले ही कुछ पल की ही सही। वह कहते हैं, ‘किसी साथी की कमी तो महसूस होती है, लेकिन जितना दुख पहले होता था कम से कम उतना अब नहीं है’।