Vikrant Shekhawat : Nov 19, 2020, 11:20 AM
दिल्ली पुलिस में तैनात महिला पुलिस कर्मी सीमा ढाका आउटर उत्तर जिले के समयपुर बादली थाने में तैनात हैं। सीमा ने तीन महीने में 76 लापता बच्चों को ट्रैक किया है। इसी के चलते सीमा ढाका को दिल्ली के पुलिस आयुक्त के आदेशानुसार एएसआई बनाया गया है। दरअसल, सीमा ढाका 2006 में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुई थीं। वह 2014 में विभागीय परीक्षा देकर हवलदार बनीं। सीमा ढाका मूल रूप से यूपी के शामली की रहने वाली हैं। सीमा के पति भी दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल हैं और नॉर्थ रोहिणी पुलिस स्टेशन में तैनात हैं। सीमा का एक 8 साल का बेटा भी है।
आये दिन लापता बच्चों की खबरें चर्चा में रहती हैं। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में अब तक 57261 बच्चे लापता हैं, जिनमें से 21631 बच्चों की खोज की जा चुकी है। इसमें, पिछले तीन महीनों में, दिल्ली पुलिस ने 1440 बच्चों की खोज की और उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया।दिल्ली के पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव के पदभार संभालने के बाद से लापता बच्चों की तलाश में तेजी आई है। इसी कड़ी में सीमा ढाका को इस साल अगस्त में लापता बच्चों की खोज का जिम्मा सौंपा गया था। लगभग तीन महीनों में, सीमा ने 76 बच्चों को पाया और उन्हें उनके परिवार के सदस्यों को सौंपा।इस यात्रा में, सीमा ने उन बच्चों के बीच अपनी खोज जारी रखी, जो रेलवे स्टेशनों से बस स्टेशनों तक आग में आते हैं। बड़ी संख्या में बच्चे मिले। इसमें ऐसी नाबालिग लड़कियों को भी रोते हुए उनके परिजनों से मिलवाया गया जो प्रेम जाल की आड़ में घर से भाग गई थीं।
आये दिन लापता बच्चों की खबरें चर्चा में रहती हैं। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में अब तक 57261 बच्चे लापता हैं, जिनमें से 21631 बच्चों की खोज की जा चुकी है। इसमें, पिछले तीन महीनों में, दिल्ली पुलिस ने 1440 बच्चों की खोज की और उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया।दिल्ली के पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव के पदभार संभालने के बाद से लापता बच्चों की तलाश में तेजी आई है। इसी कड़ी में सीमा ढाका को इस साल अगस्त में लापता बच्चों की खोज का जिम्मा सौंपा गया था। लगभग तीन महीनों में, सीमा ने 76 बच्चों को पाया और उन्हें उनके परिवार के सदस्यों को सौंपा।इस यात्रा में, सीमा ने उन बच्चों के बीच अपनी खोज जारी रखी, जो रेलवे स्टेशनों से बस स्टेशनों तक आग में आते हैं। बड़ी संख्या में बच्चे मिले। इसमें ऐसी नाबालिग लड़कियों को भी रोते हुए उनके परिजनों से मिलवाया गया जो प्रेम जाल की आड़ में घर से भाग गई थीं।