AMAR UJALA : Aug 26, 2020, 09:09 AM
Delhi: कोरोना वायरस संक्रमण के बीच ब्रिटेन में अगले हफ्ते से स्कूल को खोलने की तैयारी की जा रही है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सभी अभिभावकों को चेतावनी दी कि कि अगले हफ्ते से अपने बच्चों को स्कूल भेजा जाए नहीं तो उनका पूरा साल खराब हो जाएगा। सरकार ने कहा कि स्कूल में बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की जिम्मेदारी हमारी है। बोरिस जॉनसन की सरकार ने कहा कि मौजूदा समय में यह बेहद जरूरी है कि हम बच्चों को शिक्षा के लिए और दोस्तों से दोबारा मिलने के लिए कक्षाओं का संचालन शुरू करें। इसके लिए वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से सलाह ली गई है और इसके बाद ही अगले हफ्ते से स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है।हालांकि राष्ट्रीय शिक्षा संघ के संयुक्त महासचिव केविन कर्टनी ने कहा कि वो स्कूल खोलने के फैसले के पक्ष में हैं लेकिन क्या सरकार या सरकार का कोई मंत्री यह स्पष्ट करेगा कि अगर स्कूल में कोरोना फैला तो उससे कैसे निपटा जाएगा। क्या सरकार के पास प्लान बी है। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से ब्रिटेन में मार्च से स्कूल बंद हैं लेकिन सरकार ने जून में स्कूल खोलने का आदेश दिया था, तब करीब 35 फीसदी स्कूल खुले थेो और दस लाख बच्चे स्कूल जाने लगे थे। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की रिसर्च के मुताबिक ब्रिटेन में 10,000 स्कूल खोले गए थे। इनमें से केवल एक स्कूल में कोविड-19 का मामला मिला था, जिसके बाद वहां 70 छात्र और 128 स्टाफ कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। एक स्थानीय मीडिया की ओर से सर्वे किया गया, जिसमें लोगों से पूछा गया कि पब और स्कूल में क्या खुलना चाहिए, इस पर 80 फीसदी लोगों ने स्कूल खोलने का मांग की थी और 13 फीसदी लोगों ने पब खोलने की मांग की थी।मौजूदा समय में ब्रिटेन में 3,25,642 मामले हैं और 41,429 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा भारत में भी स्कूल खोलने को लेकर सर्वे किया गया। इसमें 62 फीसदी अभिभावकों का कहना है कि अगर सरकार एक सितंबर से स्कूल खोलने पर नीति बनाती है तो वो अपने बच्चों को नहीं भेजेंगे। लोकल सर्किल्स के सर्वे में यह दावा किया गया है। इस सर्वे में 261 जिलों के 25,000 अभिभावकों से सवाल पूछा गया, इस सर्वे में 23 फीसदी लोगों ने स्कूल खुलने का समर्थन किया और कहा कि वो बच्चों को स्कूल भेजेंगे लेकिन 15 फीसदी लोगों ने जवाब नहीं दिया। इसके अलावा सर्वे में 77 फीसदी लोगों ने कहा कि वो अगले दो महीने में कभी फिल्म देखने के लिए मल्टीप्लेक्स और थिएटर नहीं जाएंगे। फिल्म देखने के लिए सिर्फ छह फीसदी लोगों ने हामी भरी। सर्वे में 36 फीसदी लोगों का कहना है कि वो मेट्रो और लोकल ट्रेन में सफर तय कर सकते हैं जबकि 51 फीसदी लोगों ने मेट्रो और लोकल में सफर करने से साफ मना कर दिया है।