Jansatta : Sep 21, 2019, 05:00 PM
राजधानी दिल्ली में कार चलाने वाले कैब ड्राइवर अपनी गाड़ियों के फर्स्ट एड बॉक्स में आजकल कंडोम रखकर चल रहे हैं। दरअसल, ड्राइवरों का मानना है कि उन्हें कारों के फर्स्ट एड बॉक्स में बैंडेज, एंटीसेप्टिक लिक्विड, इमरजेंसी मेडिसिन और कंडोम का एक डिब्बा रखना जरूरी है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के कैब ड्राइवरों के बीच अफवाह है कि चालान से बचने के लिए कार में कंडोम का एक बॉक्स रखना जरूरी है। हालांकि, नए ट्रैफिक रूल्स में इस तरह के किसी नियम का जिक्र नहीं है।ऐसे खुला मामला: नेल्सन मंडेला मार्ग के ट्रैफिक पॉइंट पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने जेएनयू की ओर जा रही एक उबर कैब को चेकिंग के लिए रोका। ड्राइवर धर्मेंद्र ने सीट बेल्ट लगा रखी थी। वहीं, कार की रफ्तार भी 50 किमी प्रति घंटा थी। इसके अलावा वह अपनी तय यूनिफार्म हल्के नीले रंग की शर्ट में भी था। साथ ही, फर्स्ट एड बॉक्स में कंडोम रखा था।ड्राइवर ने दी यह जानकारी: टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, धर्मेंद्र ने बताया कि एक बार कंडोम नहीं रखने की वजह से उसका चालान हो गया था। इसके बाद से मैं काफी ध्यान रखता हूं। हालांकि, उस चालान की रसीद पर जुर्माने की वजह ओवरस्पीड बताई गई है। इस घटना के बाद दिल्ली-एनसीआर के हजारों कैब ड्राइवरों को यकीन हो गया कि गाड़ी के अंदर कंडोम रखना अनिवार्य है। अगर वे इसके बिना गाड़ी चलाते हैं तो उनका चालान हो सकता है।ड्राइवर असोसिएशन भी भ्रम में: सर्वोदय ड्राइवर असोसिएशन दिल्ली के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने बताया, ‘‘सभी सार्वजनिक वाहनों में हर वक्त 3 कंडोम रखना अनिवार्य है। ये कंडोम फर्स्ट एड बॉक्स के अंदर रखे होने चाहिए।’’ बता दें कि यह असोसिएशन ओला और उबर प्लैटफॉर्म के लिए काम करता है।इसलिए कंडोम रख रहे ड्राइवर: कमलजीत के मुताबिक, किसी हादसे में हड्डी टूटने या घाव होने पर कंडोम काफी काम आ सकता है। अगर किसी व्यक्ति को ब्लीडिंग हो रही है तो उसे रोकने के लिए कंडोम का इस्तेमाल हो सकता है। वहीं, फ्रैक्चर होने पर पीड़ित को हॉस्पिटल पहुंचाने तक चोट वाली जगह पर कंडोम बांधा जा सकता है। कंडोम के कई फायदे हैं, जैसे कि इसमें 3 लीटर पानी रखा जा सकता है।ड्राइवरों को नहीं पता कंडोम रखने की असली वजह: ड्राइवरों का कहना है कि अगर वे गाड़ी में कंडोम नहीं रखेंगे तो उनका चालान हो सकता है। हालांकि, उन्हें यह नहीं पता है कि किस नियम के तहत यह अनिवार्य किया गया। रमेश पाल नाम के एक ड्राइवर ने बताया, ‘‘मैंने दूसरों से सुना है कि गाड़ी में कंडोम रखना जरूरी है। हालांकि, इसके बारे में ट्रैफिक पुलिस ने कभी नहीं पूछा, लेकिन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में सालाना फिटनेस टेस्ट के दौरान कभी-कभी इसकी जानकारी मांगी जाती है।’’कंडोम रखने के लिए कभी नहीं कहा- आरटीओ: ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने नाम छिपाने की शर्त पर बताया कि इस तरह का कोई नियम नहीं है। फिटनेस टेस्ट के दौरान किसी भी ड्राइवर से कंडोम रखने के बारे में नहीं पूछा जाता है। हालांकि, एनजीओ के कार्यकर्ता सुरक्षित यौन संबंध के मद्देनजर कंडोम रखने की सलाह जरूर देते हैं। हो सकता है कि इसी वजह से ड्राइवरों में कंडोम रखने की आदत बन गई।