RCB IPL 2022 Report Card / कप्तान बदला, किस्मत नहीं…बड़े प्लेयर्स ने रन भी बनाए, फिर कहां मात खा गई RCB?

एक-दो नहीं बल्कि पूरे पंद्रह साल... रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की टीम शुरुआत से लेकर अभी तक सितारों से सजी रही लेकिन एक भी खिताब नहीं जीत पाई। इंडियन प्रीमियर लीग-2022 (IPL 2022) के शुरुआत से ही आरसीबी के फैन्स ‘ई साला कप नामडे’ का कैंपेन चला रहे थे, यानी इस साल कप हमारा ही है। लेकिन ये कैंपेन सिर्फ कैंपेन ही रहा और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम और उनके फैन्स का सपना एक बार फिर टूट गया।

Vikrant Shekhawat : May 28, 2022, 05:23 PM
IPL 2022: एक-दो नहीं बल्कि पूरे पंद्रह साल... रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की टीम शुरुआत से लेकर अभी तक सितारों से सजी रही लेकिन एक भी खिताब नहीं जीत पाई। इंडियन प्रीमियर लीग-2022 (IPL 2022) के शुरुआत से ही आरसीबी के फैन्स ‘ई साला कप नामडे’ का कैंपेन चला रहे थे, यानी इस साल कप हमारा ही है। लेकिन ये कैंपेन सिर्फ कैंपेन ही रहा और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम और उनके फैन्स का सपना एक बार फिर टूट गया। 

बेंगलुरु ने इस बार अपना कप्तान भी बदला, ऐसा लगा कि किस्मत भी बदलेगी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम कहां पर मात खा गई, एक बार नज़र डालते हैं।।।


बल्लेबाजों ने रन बनाए, लेकिन मैच विनर की कमी

बेंगलुरु की टीम का बैटिंग लाइनअप देखें, तो कोई भी विरोधी टीम मात खा सकती है। विराट कोहली, फाफ डु प्लेसिस और ग्लेन मैक्सवेल जिस टॉप ऑर्डर में हों वहां रनों का अंबार होगा। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया, कप्तान फाफ डु प्लेसिस शुरुआत में बेहतरीन फॉर्म में दिखे। उन्होंने इस सीजन में 468 रन बनाए और टीम के लिए वही ऐसे इकलौते प्लेयर रहे जो 400 का आंकड़ा पार कर पाए। 

टीम को सबसे बड़ा झटका विराट कोहली से लगा, दुनिया के सबसे बेहतरीन क्रिकेटर्स में से एक लंबे वक्त से बुरी फॉर्म से जूझ रहे हैं। इस आईपीएल में भी उनका यही हाल रहा, विराट कोहली 341 रन ही बना पाए। किसी औसत बल्लेबाज के लिए यही सही स्कोर हो सकता है, लेकिन विराट कोहली के लिए नहीं। विराट इस सीजन में 2 फिफ्टी जमा पाए, जबकि तीन बार गोल्डन डक पर आउट हुए। 

यही हाल ग्लेन मैक्सवेल का भी रहा, जो 13 मैच खेलने के बाद 301 रन ही बना पाए। टीम की रीढ़ इन तीन खिलाड़ियों ने रन ज़रूर बनाए, लेकिन वक्त पर टीम के लिए मैच विनर नहीं बन सके। यही कारण रहा कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु अहम मौकों पर मात खाती दिखी, खासकर प्लेऑफ के मुकाबलों में।

दिनेश कार्तिक की वापसी 

आरसीबी के इस सीजन को अगर किसी एक बात के लिए याद किया जाएगा, तो वह दिनेश कार्तिक की वापसी है। कार्तिक पिछले साल तक कमेंट्री कर रहे थे, इस साल वह आईपीएल में आए और ऐसे छाए कि हर जगह सिर्फ उनकी ही चर्चा रही। दिनेश कार्तिक ने इस सीजन में 16 मैच में 330 रन बनाए, वह 10 बार आउट ही नहीं हुए। दिनेश कार्तिक ने कई मौकों पर आखिरी में आकर अपनी टीम की लाज बचाई, मैच जिताए। तभी उन्हें इस सीजन का बेस्ट फिनिशर माना गया। इस प्रदर्शन की ही बदौलत दिनेश कार्तिक की टीम इंडिया की टी-20 टीम में वापसी हुई और उन्हें साउथ अफ्रीका के खिलाफ होने वाली सीरीज़ के लिए चुना गया। वैसे दिनेश कार्तिक की नज़र टी-20 वर्ल्डकप पर है। 


बॉलिंग ने दिखाया दम लेकिन।।। 

अगर बेंगलुरु की टीम की बात करें तो उनके साथ इस सीजन में वानिंदु हसारंगा थे, जिन्होंने पिछले कुछ वक्त में इंटरनेशनल क्रिकेट में तहलका मचाया। अपने नाम के मुताबिक वह यहां भी छाए रहे और पूरे सीजन में 26 विकेट लिए। उनके अलावा ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ जोश हेज़लवुड ने 20 और हर्षल पटेल ने 19 विकेट लिए। 

हर्षल पटेल कई मौकों पर राजस्थान के लिए मैच विनिंग या मैच सेविंग स्पेल डालते नज़र आए। लेकिन इन तीनों के अलावा बेंगलुरु किसी बेहतर बॉलर के लिए तरसती रही। मोहम्मद सिराज के लिए यह सीजन काफी बुरा साबित हुआ, उन्होंने 15 मैच खेले जिसमें 9 ही विकेट लिए। इतना ही नहीं मोहम्मद सिराज ने 10 से ज्यादा की औसत से रन पिटवाए और इकॉनोमी के हिसाब से टीम के तीसरे सबसे महंगे प्लेयर साबित हुए। 

कप्तान बदला किस्मत नहीं।।। 

बेंगलुरु के लिए इस बार का आईपीएल आसान नहीं था। विराट कोहली पिछले सीजन में ही कप्तानी छोड़ने की बात कह चुके थे, ऑक्शन में जब टीम ने फाफ डु प्लेसिस को खरीदा तभी कप्तान का चेहरा साफ हो गया था। फाफ डु प्लेसिस सीजन में बेहतर कप्तानी करते नज़र आए, कई मौकों पर उनका अनुभव का आया। लीडरशिप ग्रुप का हिस्सा होने के नाते विराट कोहली ने भी कई फैसलों में अपनी भूमिका निभाई। लेकिन सिर्फ कप्तान बदलने से ही टीम की किस्मत नहीं बदल पाई। 


अब आगे क्या? 

पंद्रह साल से खिताब का इंतज़ार कर रही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की नज़र अब अगले साल के आईपीएल पर होगी। इस बीच मिनी ऑक्शन भी होना है, ऐसे में टीम की कोशिश होगी जहां पर वह मिस होती दिख रही है उस कमी को पूरा कर सके। फिर चाहे वह सपोर्टिंग फास्ट बॉलर की तलाश हो या फिर बल्लेबाजी में ‘केजीएफ’ जैसे खिलाड़ियों पर निर्भरता को खत्म करना हो।