Chakka Jam / देश भर में चक्काजाम कर किसानों ने दिखाई ताकत, दिल्ली में पुख्ता रही सुरक्षा व्यवस्था

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के चक्काजाम ( Farmers Chakka Jam) का असर देश भर में देखने को मिला। पंजाब-हरियाणा, राजस्थान ही नहीं तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में भी किसानों और उनका समर्थन कर रहे संगठनों ने राजमार्ग जाम (Highway Blocked) कर यह दिखाया कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) सिर्फ एक-दो राज्यों तक सीमित नहीं है। किसानों का यह विरोध प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा।

Vikrant Shekhawat : Feb 06, 2021, 08:40 PM
नई दिल्ली: केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के चक्काजाम ( Farmers Chakka Jam) का असर देश भर में देखने को मिला। पंजाब-हरियाणा, राजस्थान ही नहीं तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में भी किसानों और उनका समर्थन कर रहे संगठनों ने राजमार्ग जाम (Highway Blocked) कर यह दिखाया कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) सिर्फ एक-दो राज्यों तक सीमित नहीं है। किसानों का यह विरोध प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा।

यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली (Delhi) में किसानों ने चक्काजाम नहीं करने का ऐलान किया था, दिल्ली में  प्रदर्शन कर रहे 50 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। चक्काजाम के आह्वान को लेकर राजधानी दिल्ली, यूपी समेत तमाम राज्यों में अभूतपूर्व सुरक्षा बंदोबस्त देखे गए। दिल्ली-एनसीआर में 50,000 के करीब जवानों की तैनाती की गई और लाल किले को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। 

हरियाणा (Haryana Farmers Protest) में किसानों ने अतोहन चौक के पास पलवल-आगरा हाईवे को ब्लॉक कर दिया। हरियाणा के फ़तेहाबाद में किसानों ने वाहनों के हॉर्न बजाकर चक्का जाम का कार्यक्रम समाप्त किया।पंजाब के अमृतसर में दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे समेत कई इलाकों में राजमार्ग पूरी तरह जाम रहे। 

दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स की टीमें किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए मुस्तैद रहीं। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 50 हजार से पुलिसकर्मियों, अर्धसैनिक बल और रिजर्व फोर्स की तैनाती रही।तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में हाईवे पर किसानों ने चक्काजाम कर धरना दिया। वामपंथी संगठनों के कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हुए।

बेंगलुरु (Karnataka Farmers Protest) के येलाहांका इलाके में किसानों ने दो घंटे से ज्यादा वक्त तक हाईवे पर वाहनों का आवागमन नहीं होने दिया। पुलिस ने किसान नेता के शांताकुमार समेत तमाम लोगों को हिरासत में लिया। मैसुरु, कोलार, कोप्पल, बागलकोट, तुमकुर, देवानगिरि, मंगलुरु में भी ऐसे प्रदर्शन देखने को मिले।

ट्रैक्टर-ट्रक लगाकर बंद किया ईस्टर्न पेरिफ़ेरेल एक्सप्रेसवे

किसानों ने सोनीपत में अपने ट्रैक्टर और बड़े ट्रक लगाकर ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफ़ेरेल एक्सप्रेसवे (Eastern Periferal ExpresswaY) बंद किया। किसान एंबुलेंस और अन्य आपात सेवा के वाहनों को जाने दे रहे थे।  किसानों ने सोनीपत में कुंडली बॉर्डर के पास केजीपी-केएमपी पर जाम लगाया।

इन राजमार्गों को भी ठप किया

किसान संगठनों का आह्वान पर बुलाये गये चक्का जाम के दौरान, किसानों ने जम्मू-पठानकोट हाईवे, अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे, शाहजहांपुर (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम किया।

सरकार को दो अक्टूबर तक मोहलत : टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आज चक्का जाम हर जगह शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा है। अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो दंड दिया जाएगा। हमने सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दो अक्टूबर तक की मोहलत दी है।

दिल्ली में नारे लगा रहे SFI के लोग हिरासत में

ITO से लाल किला की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित शहीदी पार्क के सामने दोपहर एक बजकर 27 मिनट पर फिर से JNU से जुड़े  SFI के करीब 8-10 लोग अचानक पोस्टर, बैनर लेकर अचानक नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने नारेबाजी कर रहे उन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।