Weather Update: देश की राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में मौसम का मिज़ाज तेजी से बदल रहा है। गुरुवार (26 दिसंबर) को दिल्ली में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार और न्यूनतम तापमान में गिरावट का अनुमान है। वहीं, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में भी ठंड, कोहरा और बर्फबारी का असर देखने को मिल रहा है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता और ठंड का असर
दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.5 डिग्री कम है। मौसम विभाग के अनुसार, बृहस्पतिवार को हल्की बारिश और आंशिक बादलों के साथ न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। वहीं, दिन का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।दिल्ली में घने कोहरे का अनुमान 25, 26 और 28 दिसंबर की रात को है, जो परिवहन और दैनिक जनजीवन पर असर डाल सकता है। वायु गुणवत्ता में भी सुधार की उम्मीद है, जो फिलहाल "बहुत खराब" श्रेणी (336 AQI) में दर्ज की गई है।
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी का कहर
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। तीन राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 134 सड़कें बंद कर दी गई हैं। लाहौल-स्पीति का तापमान -10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा।राज्य के शिमला, मनाली और किन्नौर जैसे इलाकों में शुक्रवार से रविवार तक और अधिक बर्फबारी का अनुमान है। इससे स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश में बढ़ती ठंड
पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर प्रदेश में बारिश ने ठंड को और बढ़ा दिया है। लखनऊ में बुधवार को 0.5 मिमी बारिश के साथ तापमान में 1.5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, दोपहर में धूप निकलने से थोड़ी राहत मिली।मौसम विभाग ने आगामी दिनों में बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी दी है। इससे शीतलहर की स्थिति बन सकती है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसलों को नुकसान से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
राजस्थान में कोहरे का कहर
राजस्थान में घना कोहरा और ठंड आम जनजीवन पर गहरा प्रभाव डाल रहे हैं। गंगानगर और पिलानी में न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 26 दिसंबर से पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है।जयपुर, कोटा और उदयपुर संभाग में 27 दिसंबर को मौसम के खराब होने का अनुमान है। 29 दिसंबर के बाद से मौसम शुष्क रहने की संभावना है, लेकिन तापमान में और गिरावट आ सकती है।
मौसम परिवर्तन का व्यापक असर
उत्तर भारत में बदलते मौसम ने न केवल ठंड बढ़ाई है, बल्कि परिवहन, स्वास्थ्य और कृषि पर भी असर डाला है। बारिश और कोहरे से जहां फसलों को नुकसान हो सकता है, वहीं वायु गुणवत्ता में सुधार से राहत मिल सकती है। स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को इन बदलते हालातों के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
मौसम विभाग की चेतावनियों को ध्यान में रखते हुए नागरिकों और किसानों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। यह समय ठंड से बचाव और जरूरी तैयारी का है, ताकि मौसम के प्रभाव को कम किया जा सके।