कोरोना वायरस / चंडीगढ़ प्रशासन ने पूरी तरह हटाया रात्रि कर्फ्यू, मध्यरात्रि तक खुल सकेंगे रेस्टोरेंट

चंडीगढ़ प्रशासन ने रात्रि कर्फ्यू पूरी तरह हटाकर 50% क्षमता के साथ सुबह 8 बजे से मध्यरात्रि 12 बजे तक रेस्टोरेंट व बार खोलने की अनुमति दी है। सार्वजनिक परिवहन से भी 50% क्षमता का प्रतिबंध हटा लिया गया है। वहीं, सरकारी दफ्तर बुधवार और शुक्रवार को छोड़कर अन्य कामकाजी दिनों में जनता के लिए दोपहर 12-1 बजे तक खुलेंगे।

Vikrant Shekhawat : Aug 18, 2021, 01:09 PM
चंडीगढ़: कोरोना के लगातार कम होते मामलों को देखते हुए यूटी प्रशासन ने रात का कर्फ्यू हटा दिया है। अब शहर के सभी होटल, रेस्टोरेंट, बार व अन्य प्रतिष्ठान रात 12 बजे तक खुल सकेंगे। वहीं, शादी व अन्य समारोहों के लिए लोगों को एसडीएम से इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी। अब सिर्फ उन्हें कार्यक्रम की जानकारी और कोरोना के नियमों का पालन करने का शपथपत्र देना होगा।

प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने मंगलवार को पंजाब राजभवन में ट्राइसिटी के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में रात्रि कर्फ्यू को हटाने का फैसला लिया गया। कहा गया कि पंजाब और हरियाणा ने कई हफ्ते पहले ही रात्रि कर्फ्यू को हटा दिया है। इसके साथ ही अब रात में लोगों के बाहर निकलने पर कोई रोक नहीं रहेगी। 

सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक 50 फीसदी क्षमता के साथ शहर के सभी बार-रेस्टोरेंट खुल सकेंगे। कोरोना की वजह से प्रशासन ने बीते कई महीनों से रात 11 बजे से सुबह 5 बजे के बीच रात्रि कर्फ्यू लगाया हुआ था। इस दौरान लोगों के बाहर निकलने पर रोक के साथ सभी होटल, रेस्टोरेंट और बार आदि को भी साढ़े 10 बजे तक ही खोलने के आदेश थे।

वहीं, शादी समारोह व अन्य कार्यक्रमों के लिए अब भले मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी लेकिन समारोह में 200 से ज्यादा लोग अभी भी शामिल नहीं हो सकेंगे। ये नियम बरकरार रहेगा। बैठक में शहर के सभी हॉकी, फुटबॉल और क्रिकेट अकादमियों को खोलने का फैसला लिया गया। 

यह आदेश भी जारी किया गया कि बुधवार और शुक्रवार को छोड़ हफ्ते में तीन दिन लोग अफसरों से सरकारी दफ्तरों में मिल सकेंगे। हालांकि इसके लिए वैक्सीन की डोज या कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य रखी गई है। सार्वजनिक परिवहन के लिए 50 फीसदी क्षमता के नियमों को भी अब खत्म कर दिया गया है।

सीरो सर्वे के नतीजे आए, 72.7 प्रतिशत बच्चों में मिली एंटीबॉडी 

बैठक में पीजीआई के निदेशक प्रो. जगत राम ने कहा कि उनके यहां कोरोना वायरस के 21 मरीज भर्ती हैं। इनमें से सिर्फ एक मरीज चंडीगढ़ का है। बताया कि पहले कोरोना के मरीज 9 थे, जो बढ़कर 21 हुए हैं। इनमें से 19 मरीज पहले से ही किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, जबकि 2 मरीजों को कोई बीमारी नहीं है। 

उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने में कोरोना जांच के लिए करीब 59,808 नमूने एकत्र किए गए थे, जिनमें संक्रमण की दर महज 0.2 प्रतिशत मिली। प्रो. जगतराम ने बताया कि 6 से 18 वर्ष के उम्र के बच्चों के बीच किए गए सीरो सर्वे के नतीजे आ चुके हैं। कुल 2695 नमूनों की जांच की गई और उनके नतीजे बताते हैं कि सेक्टरों के 67 प्रतिशत, गांव के 75 प्रतिशत और कॉलोनियों के 76 प्रतिशत बच्चों में एंटीबॉडी विकसित हुई है। 

ओवरऑल 72.7 प्रतिशत बच्चों में एंटीबॉडी विकसित हुई हैं। प्रो. जगतराम ने बताया कि जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब की स्थापना की जा चुकी है और अब तक 40 नमूनों की जांच भी की गई है। वहीं, जीएमसीएच-32 की निदेशक डॉ. जसविंदर कौर ने बताया कि 20 जुलाई से 17 अगस्त के बीच जीएमसीएच-32 में कोरोना के 28,973 नमूनों की जांच की गई। 

इस दौरान संक्रमण दर 0.17 प्रतिशत मिली। स्वास्थ्य विभाग की निदेशक डॉ. अमनदीप कंग ने बताया कि 20 जुलाई से 17 अगस्त के बीच 40,044 नमूनों की जांच की गई और संक्रमण दर 0.2 प्रतिशत मिली। रिकवरी रेट 98.6 प्रतिशत है। अगस्त महीने में कोरोना से अब तक एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।