नई दिल्ली / एयरसेल मैक्सिस केस में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को मिली अग्रिम ज़मानत

दिल्ली की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को एयरसेल मैक्सिस केस में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को अग्रिम ज़मानत दे दी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जुड़े केस में चिदंबरम को अग्रिम ज़मानत और ईडी द्वारा गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था।

Live Hindustan : Sep 05, 2019, 03:36 PM
एयरसेल मैक्सिस केस में चिदंबरम को राहत देते हुए दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत दे दी। चिदंबरम के बेटे कार्ति को भी कोर्ट ने जमानत दी है। दिल्ली की अदालत ने गुरुवार को एयरसेल मैक्सिस मामलों में पी चिदंबरम, उनके बेटे की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाया। हालांकि, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से दोपहर दो बजे आने वाले आदेश को टालने का अनुरोध किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया और कहा था कि आदेश तय समय पर ही सुनाया जाएगा।

सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली की अदालत से एयरसेल मैक्सिस मामलों में पी चिदंबरम, उनके बेटे की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर दोपहर दो बजे आने वाला आदेश टालने का अनुरोध किया। सीबीआई की ओर से पेश हुए एएसजी के एम नटराज ने अदालत से आईएनएक्स मीडिया मामले में आज (5 सितंबर) सुनाए उच्चतम न्यायालय के आदेश पर विचार करने का अनुरोध किया। अदालत ने सीबीआई, ईडी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि आदेश दोपहर दो बजे सुनाया जाएगा।

इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बृहस्पतिवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब उच्चतम न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में उन्हें अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया। यह मामला प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किया है। शीर्ष अदालत ने चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इंकार करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता की अपील खारिज करते हुये कहा कि आर्थिक अपराध के मामलों में अलग तरीके से निबटना होगा क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं।

न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि यह अग्रिम जमानत देने के लिये उचित मामला नहीं है। पीठ ने कहा कि इस समय चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकती है। पीठ ने कहा कि जांच एजेन्सी को इस मामले में अपनी जांच करने के लिये पर्याप्त स्वतंत्रता दी जानी होगी।