NDTV : Apr 26, 2020, 09:09 PM
नई दिल्ली: देश में कोरोना का कहर जारी है। भारत में कोरोनावायरस से 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 27 हजार लोग इसके संक्रमण के शिकार हैं। COVID-19 के फैलाव को रोकने के लिए 3 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। कोरोना संकट और 14 अप्रैल से शुरू हुए लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौथी बार कल (सोमवार) राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कम से कम 9 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हो सकते हैं। 10 बजे सुबह शुरू होने वाले वीडियो कॉन्फ्रेंस में लॉकडाउन को आगे बढ़ाने को लेकर समीक्षा किए जाने की उम्मीद है। इससे साथ-साथ लॉकडाउन कैसे खत्म किया जाए और इसके एक्जिट प्लान को चरणबद्ध तरीके से कैसे लागू किया जाए, इसे लेकर भी चर्चा की जा सकती है।मुख्यमंत्रियों के द्वारा 20 अप्रैल से कुछ इलाकों में लॉकडाउन के दौरान दी गई आंशिक छूट, टेस्ट किट की स्थिति, डॉक्टरों की सुरक्षा के संबंध में चर्चा की भी संभावना है। राज्यों से यह भी उम्मीद की जा रही है कि वह केंद्र से वित्तीय पैकेज की भी मांग करेंगे। लगभग सभी बड़े राज्यों ने पहले की बैठकों में अपने विचार रखे हैं। इस बार बिहार, ओडिशा, गुजरात, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों की बारी है। पूर्वोत्तर से मेघालय और मिजोरम के मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे। सूत्रों ने कहा कि केंद्र सभी राज्यों- बड़े या छोटे को बोलने का मौका देना चाहता है। लेकिन पिछली बार के उलट, जब लॉकडाउन को बढ़ाए जाने पर चर्चा की गई थी, तो उन्हें लिखित रूप में अपनी मांगे रखने की आवश्यकता नहीं होगी।बता दें कि 20 मार्च को हुई पहली बैठक में आठ राज्यों ने वायरस के नियंत्रण, चिकित्सा बुनियादी ढांचे के उन्नयन और स्थानीय स्वास्थ्य संसाधनों के प्रशिक्षण पर अपने विचार रखे थे। इसके बाद 2 अप्रैल को दूसरी बैठक में लगभग 8 राज्यों ने लॉकडाउन के एक्जिट प्लान की रणनीति पर चर्चा की थी। वहीं, 11 अप्रैल की तीसरी बैठक में कम से कम 13 मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने के लिए कहा था।