Vikrant Shekhawat : Dec 21, 2024, 05:44 PM
GST Council Meeting: देशभर के रियल एस्टेट डेवलपर्स ने केंद्र सरकार से फ्लोर स्पेस इंडेक्स (FSI) और अतिरिक्त FSI शुल्क पर 18% जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने इस कदम पर चिंता जताई है, क्योंकि इससे निर्माण लागत और मकानों की कीमतों में भारी इजाफा होने की संभावना है।
एफएसआई क्या है?
FSI (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) वह अनुपात है, जो किसी प्लॉट के कुल क्षेत्रफल और उस पर निर्मित फ्लोर एरिया को दर्शाता है। यह प्रॉपर्टी डेवलपर्स के लिए अतिरिक्त निर्माण क्षमता प्रदान करता है। डेवलपर्स को यह FSI शुल्क के रूप में खरीदना पड़ता है। यदि इस पर 18% जीएसटी लगाया गया, तो निर्माण लागत सीधे तौर पर बढ़ जाएगी, जिससे फ्लैट की कीमतें भी बढ़ेंगी।निर्माण लागत पर एफएसआई का प्रभाव
यदि FSI शुल्क पर जीएसटी लागू किया जाता है, तो इसके आर्थिक प्रभाव को निम्नलिखित उदाहरण से समझा जा सकता है:- मान लीजिए: डेवलपर ने 1,000 वर्ग मीटर का प्लॉट खरीदा।
- FSI की कीमत: ₹5,000 प्रति वर्ग मीटर।
- कुल FSI लागत: ₹5,000 × 1,000 = ₹50,00,000।
- जीएसटी (18%): ₹50,00,000 × 18% = ₹9,00,000।
- कुल लागत: ₹50,00,000 + ₹9,00,000 = ₹59,00,000।