Rahul Gandhi FIR: देश की राजनीति में एक बार फिर से उबाल आ गया है। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान ने संसद से लेकर सड़क तक सियासी घमासान खड़ा कर दिया है। इस विवाद ने विपक्ष और सत्ता पक्ष को एक बार फिर आमने-सामने ला खड़ा किया है। गुरुवार को संसद में हुए इस बवाल के दौरान माहौल इस कदर गरमा गया कि धक्कामुक्की तक की नौबत आ गई।
क्या है विवाद की जड़?
17 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बाबा साहब आंबेडकर पर टिप्पणी की, जिसके बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस पर कड़ा विरोध जताया। विपक्ष का कहना है कि शाह का बयान आंबेडकर की विरासत का अपमान है। इस बयान को लेकर पिछले दो दिनों से संसद में हंगामा जारी है।
धक्कामुक्की और बीजेपी सांसदों की चोट
गुरुवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान संसद में धक्कामुक्की की घटनाएं सामने आईं। बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजेपी सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की, जिसमें प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए। दोनों सांसदों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।
राहुल गांधी पर FIR और कांग्रेस का जवाब
धक्कामुक्की को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिसे कांग्रेस ने सम्मान की बात बताया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसे बीजेपी की "ध्यान भटकाने की रणनीति" करार दिया। उन्होंने कहा, "यह मामला आंबेडकर की विरासत की रक्षा के लिए राहुल गांधी की प्रतिबद्धता को दिखाता है।"वेणुगोपाल ने यह भी दावा किया कि राहुल पहले से ही 26 एफआईआर का सामना कर रहे हैं और यह नया मामला उन्हें या कांग्रेस को बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ खड़े होने से नहीं रोक सकता।
कांग्रेस का पलटवार: CCTV फुटेज की मांग
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने पूरे मामले पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने संसद में लगे सीसीटीवी का हवाला देते हुए बीजेपी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। सुप्रिया ने चुनौती दी, "यदि राहुल गांधी ने धक्का दिया है, तो CCTV फुटेज दिखाइए। सच खुद-ब-खुद सामने आ जाएगा।"
बीजेपी की सफाई और कांग्रेस की रणनीति
बीजेपी ने घटना को राहुल गांधी और विपक्ष की "हताशा" का परिणाम बताया। पार्टी का कहना है कि विपक्ष विकास और जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय सस्ती राजनीति कर रहा है। वहीं, कांग्रेस ने इस मामले को आंबेडकर की विरासत से जोड़ते हुए इसे बड़े आंदोलन का रूप देने की तैयारी कर ली है।
राजनीतिक असर और भविष्य की रणनीति
अमित शाह के बयान और उसके बाद हुए घटनाक्रम ने आगामी चुनावों से पहले सियासी माहौल को गरमा दिया है। यह विवाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच सत्ता की लड़ाई को और तेज करेगा। दोनों दल अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ जनता के बीच अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करेंगे।यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद आने वाले दिनों में क्या मोड़ लेता है और इसका राजनीतिक समीकरणों पर क्या असर पड़ता है।