Vikrant Shekhawat : May 14, 2024, 11:26 AM
India-China Relation: भले ही भारत चीन पर से अपनी निर्भरता को लगातार कम करने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन दोनों देशों के बीच कारोबार में लगातार इजाफा हो रहा है. खास बात तो ये है कि बीते वित्त वर्ष में भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर अमेरिका नहीं बल्कि चीन रहा. इकोनॉमिक थिंक टैंक जीटीआरआई के आंकड़ों के अनुसार, चीन और भारत के बीच वित्त वर्ष 2023-24 में 118.4 अरब डॉलर का कारोबार हुआ. जोकि भारत के ट्रेडिंग पार्टनर के रूप में दुनिया में सबसे ज्यादा है. वहीं अमेरिका मामूली रूप से पीछे है. भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 118.3 बिलियन डॉलर रहा. वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान अमेरिका भारत का टॉप ट्रेडिंग पार्टनर था.चीन से इंपोर्ट-एक्सपोर्ट में इजाफारिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में भारत ने चीन को काफी एक्सपोर्ट किया है. इसमें 8.7 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली और वैल्यू के हिसाब से बढ़कर 16.67 अरब डॉलर हो गया. भारत ने चीन को प्रमुख रूप से लौह अयस्क, सूती धागा/कपड़े/मेडअप, हथकरघा, मसाले, फल और सब्जियां, प्लास्टिक और लिनोलियम आदि एक्सपोर्ट किया है. वहीं दूसरी ओर भारत के चीनी इंपोर्ट में 3.24 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली. बीते वित्त वर्ष में भारत ने 101.7 अरब डॉलर का आयात किया है.अमेरिका से इंपोर्ट-एक्सपोर्ट में आई कमीवहीं दूसरी ओर अमेरिका से भारत के एक्सपोर्ट और इंपोर्ट में कमी देखने को मिली है. रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका को भारत के एक्सपोर्ट में 1.32 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने अमेरिका को 78.54 बिलियन डॉलर एक्सपोर्ट किया था, जोकि वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 77.5 बिलियन डॉलर रह गया. वहीं दूसरी ओर इंपोर्ट में भी 20 फीसदी गिरावट देखने को मिली है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का अमेरिका से इंपोर्ट 40.8 बिलियन डॉलर पर आ गया है.बीते पांच साल में चीन से इंपोर्ट बढ़ाग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2024 तक चीन को निर्यात में 0.6 फीसदी की मामूली गिरावट देखी गई, जो 16.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 16.66 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई है. वहीं दूसरी ओर चीन से इंपोर्ट में 44.7 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. जो बीते पांच साल में 70.32 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 101.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. जीटीआरआई के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि आयात में इस वृद्धि के कारण व्यापार घाटे में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है. वित्त वर्ष 2019 में यह 53.57 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो वित्त वर्ष 2024 में 85.09 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.अमेरिका के साथ फायदारिपोर्ट में कहा गया है कि बीते 5 साल में भारत को अमेरिका के साथ व्यापार करने में काफी फायदा हुआ है. पांच साल में अमेरिका को निर्यात 47.9 प्रतिशत बढ़कर 52.41 अरब डॉलर से 77.52 अरब डॉलर हो गया. अमेरिका से आयात में भी 14.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 35.55 अरब डॉलर से बढ़कर 40.78 अरब डॉलर हो गई है. जिसकी वजह से भारत का ट्रेड सरप्लस 16.86 बिलियन डॉलर से बढ़कर 36.74 बिलियन हो गया है.भारत के टॉप ट्रेडिंग पार्टनर्सवाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चीन 2013-14 से 2017-18 तक और 2020-21 में भी भारत का टॉप ट्रेडिंग पार्टनर था. चीन से पहले, संयुक्त अरब अमीरात देश का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था. 2021-22 और 2022-23 में अमेरिका सबसे बड़ा भागीदार था. वित्त वर्ष 2023-24 में, 83.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ संयुक्त अरब अमीरात, भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था. इसके बाद रूस (65.7 बिलियन डॉलर), सऊदी अरब (43.4 बिलियन डॉलर) और सिंगापुर (35.6 बिलियन डॉलर) का स्थान रहा.