Vikrant Shekhawat : Jan 03, 2022, 09:51 PM
India-China | पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच एक बार फिर से चीन की उकसावे वाली हरकतें सामने आई हैं। सेटेलाइट तस्वीर में दावा किया जा रहा है कि चीन पैंगोंग झील क्षेत्र में LAC के बेहद करीब पुल बना रहा है। तस्वीर से पता चला है कि चीन लद्दाख की पैंगोंग झील के अपने कब्जे वाले क्षेत्र में पुल का निर्माण कर रहा है। यही नहीं ये निर्माण पिछले कुछ महीनों से जारी है। इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक यह पुल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों को जोड़ेगा, जिससे चीनी सेना को दोनों साइडों तक बहुत जल्दी पहुंचने में मदद मिलेगी। बनकर तैयार हो चुका पुल!गौरतलब है कि यह क्षेत्र पिछले साल दोनों सेनाओं के बीच टकराव का मुख्य बिंदु था। अब कहा जा रहा है कि झील के ऊपर बन रहे इस पुल से चीनी सैनिकों और रसद को वहां पहुंचने के कई रास्ते खुल जाएंगे। पुल निर्माण को लेकर सैटेलाइट तस्वीर जियो इंटेलीजेंस एक्सपर्ट डेमियन सिमोन ने जारी की है। उन्होंने संकेत दिया है कि चीन संभवतः पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर एक पुल का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि इससे संकेत मिलता है कि यह पुल झील के संकरे रास्ते पर लगभग पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये निर्माण कुछ महीनों से चल रहा है।भारत ने अगस्त 2020 में दक्षिणी तट पर कैलाश रेंज पर प्रमुख ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था, जिससे भारतीय सैनिकों को एक रणनीतिक लाभ मिला था। हालांकि पिछले साल फरवरी में पैंगोंग में डिसएंगेजमेंट यानी सैनिकों की वापसी प्रक्रिया के साथ, भारत तनाव को कम करने के लिए आपसी पुलबैक योजना के हिस्से के रूप में ऊंचाइयों से पीछे हट गया था।चीनी सैनिकों को मिलेगा फायदाअब माना जा रहा है कि ये पुल चीन की सेना को तुरंत एक्शन लेने की सुविधा प्रदान करेगा क्योंकि यह पैंगोंग झील में विवादित क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए दूरी और समय में को कम कर देगा। इसके साथ ही ये पुल झील के दोनों किनारों को भी जोड़ देगा, जिससे चीनी सेना किसी भी खतरे से निपटने के लिए दोनों तरफ आसानी से पहुंच सके।चीन ने लागू किया नया कानूनगौरतलब है कि चीन ने 1 जनवरी को अपना नया सीमा कानून लागू किया है जो अपनी सीमा सुरक्षा, गांवों के विकास और सीमाओं के पास बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की बात कहता है और इसने कानून में ऐसी शर्तें भी रखी हैं जिसके तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में आपातकालीन उपाय किए जा सकें। कानून के लागू होने से ठीक पहले चीन ने अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदल दिए। हालांकि कानून विशेष रूप से भारत के लिए नहीं है, लेकिन इसके महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं क्योंकि चीन के साथ सीमा विवाद मई 2020 से बढ़ गया है।