World News / पूरी दुनिया में चीन आर्थिक मंदी को न्योता दे सकता है, कोरोना पाबंदियों के बाद आई यह बड़ी खबर

चीन की आर्थिक विकास दर में बड़ी गिरावट आई है। कोरोना महामारी रोकने के लिए लगाए गए पाबंदियों के चलते चीनी अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त हो गई है। इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है। जानकारों का कहना है कि चीन पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी को न्योता दे सकता है। आपको बता दें कि चीन में पिछले साल कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाई गईं पाबंदियों, रियल एस्टेट मंदी के कारण साल 2022 में आर्थिक विकास दर

Vikrant Shekhawat : Jan 17, 2023, 11:39 AM
World News: चीन की आर्थिक विकास दर में बड़ी गिरावट आई है। कोरोना महामारी रोकने के लिए लगाए गए पाबंदियों के चलते चीनी अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त हो गई है। इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है। जानकारों का कहना है कि चीन पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी को न्योता दे सकता है। आपको बता दें कि चीन में पिछले साल कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाई गईं पाबंदियों, रियल एस्टेट मंदी के कारण साल 2022 में आर्थिक विकास दर तीन प्रतिशत तक गिर गई। चीन का सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े बीजिंग के आधिकारिक विकास लक्ष्य से चूक गए हैं। चीन ने जीडीपी ग्रोथ का लक्ष्य 5.5 प्रतिशत रखा था। 1976 के बाद से पिछले साल चीन की विकास दर सबसे कमजोर रही। 

वृद्धि एक साल में 2.9% तक गिरी

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में वृद्धि एक साल में 2.9 प्रतिशत तक गिरी। विशेषज्ञों का कहना है कि पाबंदियां हटने के बाद से धीरे-धीरे शॉपिंग मॉल और रेस्तरां में लोगों की मौजूदगी बढ़ रही है। वहीं सरकार के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि संक्रमण की मौजूदा लहर गुजर चुकी है। गौरतलब है कि पिछले साल की आर्थिक विकास दर 2021 की 8.1 प्रतिशत से आधे से भी कम थी।

भारत-चीन के बीच व्यापार बढ़ा 

एक ओर चीन आर्थिक मंदी की चपेट में है तो वहीं, दूसरी ओर भारत और चीन के बीच व्यापार बढ़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन के बीच व्यापार 2022 में बढ़कर 135.98 अरब डॉलर के अबतक के उच्च स्तर पर पहुंच गया। इसके साथ भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 100 अरब डॉलर के पार हो गया। चीन के सीमा शुल्क विभाग के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार भारत-चीन व्यापार 2022 में 8.4 प्रतिशत बढ़कर 135.98 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। इससे पिछले साल यह आंकड़ा 125 अरब डॉलर था। भारत में चीन का निर्यात सालाना आधार पर 21.7 प्रतिशत बढ़कर 118.9 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।