China-Taiwan News / फिर चीन ने की उकसावे वाली कार्रवाई, ताइवान के साथ जानें अब क्या किया?

चीन ने ताइवान पर दबाव बनाने के लिए द्वीप के पास 14 युद्धपोत, सात सैन्य विमान और चार गुब्बारे भेजे। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसे क्षेत्रीय सीमा का उल्लंघन बताया। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और सैन्य बल से कब्जा करने की धमकी देता है, जिससे तनाव लगातार बढ़ रहा है।

Vikrant Shekhawat : Dec 08, 2024, 03:40 PM
China-Taiwan News: चीन ने ताइवान पर अपने दावों को लेकर दबाव बनाने की रणनीति के तहत द्वीप के पास 14 युद्धपोत, सात सैन्य विमान और चार गुब्बारे भेजे हैं। यह जानकारी ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दी है। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया है जब ताइवान की राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने अमेरिका और प्रशांत क्षेत्र के सहयोगी देशों की यात्रा पूरी की है। इस यात्रा को लेकर पहले से ही अटकलें थीं कि चीन सैन्य गतिविधियों से इसका जवाब दे सकता है।

चीन का ताइवान पर दावा

चीन ताइवान को अपनी संप्रभुता का हिस्सा मानता है। 2.3 करोड़ की आबादी वाला यह स्वशासित द्वीप 1949 के चीनी गृहयुद्ध के बाद से खुद को एक स्वतंत्र शासन के रूप में संचालित कर रहा है। हालांकि, चीन ताइवान के साथ अन्य देशों के आधिकारिक संबंधों का विरोध करता है।

अमेरिका समेत अधिकांश देशों ने ताइवान को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी है, लेकिन अमेरिका ताइवान का अनौपचारिक समर्थन करता है। वह उसे हथियार उपलब्ध कराने के साथ-साथ कूटनीतिक और आर्थिक सहयोग भी प्रदान करता है। चीन ने स्पष्ट किया है कि यदि आवश्यकता पड़ी तो वह सैन्य बल के माध्यम से ताइवान को अपने नियंत्रण में लेगा।

ताइवान के रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार सुबह से 24 घंटे के भीतर चीन की सैन्य गतिविधियों का विवरण साझा किया। मंत्रालय ने बताया कि 14 युद्धपोत, सात सैन्य विमान और चार गुब्बारे ताइवान के पास देखे गए। इनमें से छह विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया, जो ताइवान और चीन के बीच अनौपचारिक सीमा मानी जाती है।

रिपोर्ट के अनुसार, एक गुब्बारा ताइवान के उत्तरी क्षेत्र से गुजरता पाया गया। यह घटनाएं चीन द्वारा द्वीप के पास लगातार अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा हैं।

तनाव में वृद्धि

हाल के वर्षों में ताइवान और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ा है। चीन ने ताइवान के समुद्री और हवाई क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं। चीन के युद्धक विमान और जहाज अक्सर ताइवान के पास सैन्य अभ्यास करते हैं, जिससे इस क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ रही है।

ताइवान की राष्ट्रपति लाई चिंग-ते की यात्रा के बाद चीन की यह ताजा कार्रवाई द्वीप के प्रति उसके सख्त रुख को दर्शाती है। यह स्पष्ट है कि चीन अंतरराष्ट्रीय मंच पर ताइवान के समर्थन को कमजोर करने और उसे अलग-थलग करने की अपनी रणनीति को आक्रामक रूप से आगे बढ़ा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव से वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ रही है। अमेरिका और उसके सहयोगी देश लगातार ताइवान का समर्थन कर रहे हैं, जबकि चीन इसे अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के रूप में देखता है।

इस स्थिति में, ताइवान को अपनी सुरक्षा मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय समर्थन बनाए रखने की जरूरत है। दूसरी ओर, चीन का रुख स्पष्ट है कि वह अपने दावे से पीछे नहीं हटेगा। यह विवाद आने वाले समय में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भू-राजनीतिक स्थिरता के लिए चुनौती बन सकता है।