दुनिया / मंगोलिया और जापान में राजनाथ सिंह के पग-पग पर रहेगी ड्रैगन की नजर

सीमा पर तनाव के बीच दूसरे देशों से बन रहे भारत के रिश्तों पर चीन करीबी नजर रख रहा है। इसी कड़ी में मंगोलिया और जापान दौरे पर जा रहे भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के पग-पग पर उसकी नजर रहेगी। चीन से आ रहे बयानों से स्पष्ट है कि वह भारत-जापान के बीच बढ़ती दोस्ती का बिल्कुल भी हिमायती नहीं है। बता दें कि भारत और जापान के बीच 8 सितंबर को टू प्लस टू की दूसरे राउंड की वार्ता होने वाली है।

Vikrant Shekhawat : Aug 26, 2022, 06:21 PM
Japan : सीमा पर तनाव के बीच दूसरे देशों से बन रहे भारत के रिश्तों पर चीन करीबी नजर रख रहा है। इसी कड़ी में मंगोलिया और जापान दौरे पर जा रहे भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के पग-पग पर उसकी नजर रहेगी। चीन से आ रहे बयानों से स्पष्ट है कि वह भारत-जापान के बीच बढ़ती दोस्ती का बिल्कुल भी हिमायती नहीं है। बता दें कि भारत और जापान के बीच 8 सितंबर को टू प्लस टू की दूसरे राउंड की वार्ता होने वाली है। इसमें भारत और जापान के विदेश व रक्षा मंत्री शामिल होंगे। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगोलिया के दो दिवसीय दौरे पर जाने वाले हैं। 6 सितंबर को होने वाले इस मीटिंग में राजनाथ सिंह की वहां के राष्ट्रपति से मुलाकात होगी। इसके अलावा मंगोलियन राष्ट्रपति ने राजनाथ सिंह के सम्मान में भोज का भी आयोजन किया है।

भारत-जापान दोस्ती के पक्ष में नहीं ड्रैगन

भारतीय रक्षामंत्री के जापान दौरे से पहले चीन की सरकारी मीडिया ने भी बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि उच्च स्तरीय बैठक की आड़ में इन दोनों देशों को किसी तीसरे देश को निशाना नहीं बनाना चाहिए। एक चीनी ऑब्जर्वर ने सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स से कहा कि बीते कुछ साल में भारत और जापान के बीच नजदीकी बढ़ी है। खासतौर पर पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के कार्यकाल में यह ज्यादा देखने को मिला था। इसके पीछे क्षेत्र में चीन के शांतिपूर्ण विकास को रोकने का मकसद हो सकता है। वहीं सिंघुआ यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के शोध विभाग के निदेशक क्वेन फेंग ने कहा कि सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव के बाद भारत में कुछ संकीर्ण मानसिकता के लोग चीन को सुरक्षा के लिए चुनौती मानते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ही भारतीय अमेरिका और जापान के साथ दोस्ती को बढ़ावा देते हैं। इसके पीछे उनका मकसद चीन पर नियंत्रण रखना होता है। चीन को इससे सतर्क रहना चाहिए।

मंगोलिया के साथ रिफाइनरी पर चर्चा

मंगोलिया के साथ बातचीत के दौरान यहां भारत के सौजन्य से बन रही रिफाइनरी पर चर्चा होने की उम्मीद है। यह मंगोलिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी है और इसे 1.2 बिलियन डॉलर की लागत से तैयार किया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि यह रिफाइनरी 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगी। मंगोलिया के डोर्नोगोबी प्रांत में इसके निर्माण के बाद यहां की 75 फीसदी जरूरतें पूरी हो सकेंगी। इसके अलावा राजनाथ सिंह छह सितंबर को एक साइबर सिक्योरिटी सेंटर का भी उद्घाटन करेंगे। इस साइबर सिक्योरिटी सेंटर को बनाने में भारत ने मंगोलिया के रक्षा मंत्रालय की मदद की है। 

2015 में साइन हुआ था एमओयू

साल 2015 में चीन के दौरे के बाद पीएम मोदी मंगोलिया पहुंचे थे तब दोनों देशों के बीच इसको लेकर एक एमओयू पर दस्तखत हुए थे। इसके मुताबिक भारत मंगोलिया के रक्षा मंत्रालय के लिए साइबर सिक्योरिटी ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करेगा। साथ ही इसके लिए लोगों को ट्रेनिंग भी देगा। मोदी के इस दौरे में ही भारत-मंगोलिया के द्विपक्षीय संबंधों और रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने संबंधी बातें हुई थीं। भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मंगोलिया के रक्षा मंत्री गुरसेद सैखानबायार और पार्लियामेंट स्पीकर गोम्बोजाव जांदांश्तार से भी मिलेंगे। इसके बाद राजनाथ सिंह 7 सितंबर को टोक्यो के लिए रवाना होंगे। चीन और रूस के बाद मंगोलिया भारत को अपना तीसरा और आध्यात्मिक पड़ोसी मानता है।