AajTak : Sep 17, 2020, 03:11 PM
चीन लगातार अपनी उल्टी-सीधी हरकतों की वजह से अपने पड़ोसी देशों को परेशान करता रहता है। बुधवार को चीन ने अपने दो एंटी-सबमरीन फाइटर जेट्स अपने एक पड़ोसी देश की वायुसीमा में उड़ाए। जब उस देश की वायुसेना ने उन्हें अंजाम भुगतने की धमकी दी तो चीन के फाइटर जेट्स दुम दबाकर वापस लौट गए। यह घटना ऐसे मौके पर हुई जब उस छोटे से देश में अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी आने वाले हैं।
हुआ यूं कि चीन के दो एंटी-सबमरीन फाइटर जेट्स ताइवान की वायु सीमा में प्रवेश कर गए। तत्काल ताइवानी वायुसेना और रक्षा मंत्रालय ने चीनी वायुसेना के फाइटर जेट्स को कहा कि तत्काल वापस जाओ नहीं तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार हो जाओ। इसके बाद चीनी वायुसेना के दोनों फाइटर जेट्स तेजी से वापस भाग गए। चीन अक्सर ताइवान की वायु और जल सीमा में घुसपैठ की कोशिश करता रहता है। इस बात को लेकर ताइवान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिकायत भी की है। चीन ने ताइवान की वायुसीमा में ऐसे समय घुसपैठ की जब अमेरिका से एक वरिष्ठ अधिकारी ताइवान की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले हैं। पिछले हफ्ते ताइवान और चीन दोनों ही देशों ने अपनी-अपनी समुद्री सीमा में सैन्य युद्धाभ्यास किया था।ताइवान की आर्मी, नेवी और एयरफोर्स ने लाइव फायर एक्सरसाइज कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग वेन ने कहा कि हम चीन को बताना चाहते हैं कि हम कमजोर नहीं हैं। हम अपनी जमीन और चीन के घुसपैठ को रोकने में सक्षम हैं। अगर चीन ने कोई गैर-वाजिब हरकत की तो उन्हें मुंह तोड़ जवाब देंगे। ताइवान के मिलिट्री ड्रिल में 8000 सैनिकों ने भाग लिया। इसमें वायुसेना के एफ-16 फाइटर जेट्स और स्वदेशी फाइटर जेट चिंग-कुओ ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। मध्य ताइवान के तटीय इलाके ताईचुंग में हुए इस सैन्य अभ्यास में टैंक्स भी गरजे। इस युद्धाभ्यास को हान-कुआंग नाम दिया गया था। ताइवान यह सैन्य शक्ति प्रदर्शन इसलिए कर रहा है क्योंकि चीन इस साल कोरोना वायरस संक्रमण के बीच कई बार ताइवान के ऊपर अपने फाइटर जेट्स उड़ा चुका है। ताइवान की नौसेना ने भी दक्षिण चीन सागर में तटों के पास मिसाइल और मशीन गन से सैन्य अभ्यास किया। इस दौरान नेवी के कई लड़ाकू युद्धपोत समुद्र में देखे गए। चीन का दावा है कि ताइवान के कुछ द्वीप उसकी टेरीटरी में आते हैं। जबकि, ताइवान कहता है कि ये द्वीप उसके हैं। हान-कुआंग ताइवान की सेना का सालाना युद्धाभ्यास है। इसमें ताइवान की तीनों सेनाएं अपनी ताकत और अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन करते हैं। राष्ट्रपति साई इंग वेन इस साल जनवरी में चुनकर सत्ता में आए हैं। उन्होंने आते ही कहा था कि वे चीन के आगे कभी नहीं झुकेंगे। इसके बाद उन्होंने दस साल के इतिहास का सबसे बड़ा रक्षा बजट पेश किया।ताइवान के सेना के पास ज्यादातर हथियार अमेरिकी है। ताइवान के सैनिकों की ट्रेनिंग भी अमेरिकी सेना करती है। हालांकि, चीन के पास ज्यादा हथियार और सैनिक हैं लेकिन ताइवान चीन की ताकत से कभी भी डरा नहीं। इस साल 29 मार्च को चीन ने ताइवान के एयरस्पेस में अपने फाइटर जेट्स भेजे थे। इसके बाद ताइवानी एयरफोर्स के विमानों ने उन्हें भगाया था।
हुआ यूं कि चीन के दो एंटी-सबमरीन फाइटर जेट्स ताइवान की वायु सीमा में प्रवेश कर गए। तत्काल ताइवानी वायुसेना और रक्षा मंत्रालय ने चीनी वायुसेना के फाइटर जेट्स को कहा कि तत्काल वापस जाओ नहीं तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार हो जाओ। इसके बाद चीनी वायुसेना के दोनों फाइटर जेट्स तेजी से वापस भाग गए। चीन अक्सर ताइवान की वायु और जल सीमा में घुसपैठ की कोशिश करता रहता है। इस बात को लेकर ताइवान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिकायत भी की है। चीन ने ताइवान की वायुसीमा में ऐसे समय घुसपैठ की जब अमेरिका से एक वरिष्ठ अधिकारी ताइवान की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले हैं। पिछले हफ्ते ताइवान और चीन दोनों ही देशों ने अपनी-अपनी समुद्री सीमा में सैन्य युद्धाभ्यास किया था।ताइवान की आर्मी, नेवी और एयरफोर्स ने लाइव फायर एक्सरसाइज कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग वेन ने कहा कि हम चीन को बताना चाहते हैं कि हम कमजोर नहीं हैं। हम अपनी जमीन और चीन के घुसपैठ को रोकने में सक्षम हैं। अगर चीन ने कोई गैर-वाजिब हरकत की तो उन्हें मुंह तोड़ जवाब देंगे। ताइवान के मिलिट्री ड्रिल में 8000 सैनिकों ने भाग लिया। इसमें वायुसेना के एफ-16 फाइटर जेट्स और स्वदेशी फाइटर जेट चिंग-कुओ ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। मध्य ताइवान के तटीय इलाके ताईचुंग में हुए इस सैन्य अभ्यास में टैंक्स भी गरजे। इस युद्धाभ्यास को हान-कुआंग नाम दिया गया था। ताइवान यह सैन्य शक्ति प्रदर्शन इसलिए कर रहा है क्योंकि चीन इस साल कोरोना वायरस संक्रमण के बीच कई बार ताइवान के ऊपर अपने फाइटर जेट्स उड़ा चुका है। ताइवान की नौसेना ने भी दक्षिण चीन सागर में तटों के पास मिसाइल और मशीन गन से सैन्य अभ्यास किया। इस दौरान नेवी के कई लड़ाकू युद्धपोत समुद्र में देखे गए। चीन का दावा है कि ताइवान के कुछ द्वीप उसकी टेरीटरी में आते हैं। जबकि, ताइवान कहता है कि ये द्वीप उसके हैं। हान-कुआंग ताइवान की सेना का सालाना युद्धाभ्यास है। इसमें ताइवान की तीनों सेनाएं अपनी ताकत और अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन करते हैं। राष्ट्रपति साई इंग वेन इस साल जनवरी में चुनकर सत्ता में आए हैं। उन्होंने आते ही कहा था कि वे चीन के आगे कभी नहीं झुकेंगे। इसके बाद उन्होंने दस साल के इतिहास का सबसे बड़ा रक्षा बजट पेश किया।ताइवान के सेना के पास ज्यादातर हथियार अमेरिकी है। ताइवान के सैनिकों की ट्रेनिंग भी अमेरिकी सेना करती है। हालांकि, चीन के पास ज्यादा हथियार और सैनिक हैं लेकिन ताइवान चीन की ताकत से कभी भी डरा नहीं। इस साल 29 मार्च को चीन ने ताइवान के एयरस्पेस में अपने फाइटर जेट्स भेजे थे। इसके बाद ताइवानी एयरफोर्स के विमानों ने उन्हें भगाया था।