INS Arighat / चीन के मंसूबों पर फिरेगा पानी! नेवी के बेड़े में शामिल होगी INS अरिघात

चीन की हर चाल को मात देने के लिए भारत हिंद महासागर में जल्द ही घातक पनडुब्बी आईएनएस अरिघात (INS Arighat) को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल करेगा. परमाणु मिसाइलों से लैस पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को विशाखापट्टनम के जहाज निर्माण केंद्र पर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल (एटीवी) प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. ये अरिहंत क्लास न्यूक्लियर पावर से लैस सबमरीन है.

Vikrant Shekhawat : Aug 12, 2024, 08:30 PM
INS Arighat: चीन की हर चाल को मात देने के लिए भारत हिंद महासागर में जल्द ही घातक पनडुब्बी आईएनएस अरिघात (INS Arighat) को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल करेगा. परमाणु मिसाइलों से लैस पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को विशाखापट्टनम के जहाज निर्माण केंद्र पर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल (एटीवी) प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. ये अरिहंत क्लास न्यूक्लियर पावर से लैस सबमरीन है.

भारत दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को जल्द कमीशन करने जा रहा है. इसमें 750-किमी रेंज की K-15 मिसाइलें होंगी. यह चीन के समुद्री विस्तार पर लगाम के मद्देनजर बनाई गई है. भारत ने दो नई परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण की योजना भी बनाई है, जो एक दशक में तैयार होंगी. भारत में दो और न्यूक्लियर पावर अटैक सबमरीन के निर्माण से प्रोजेक्ट को भी अंतिम मंजूरी मिलने वाली है.

आईएनएस अरिघात की खासियत

अरिहंत श्रेणी की दूसरी मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिघात के ब्लेड प्रोपेलर जल रिएक्टर से संचालित होंगे.

यह पनडुब्बी पानी की सतह पर 12-15 समुद्री मील (22-28 किमी/घंटा) की अधिकतम गति से चल सकती है.

आईएनएस अरिघात समुद्र की गहराई में 24 समुद्री मील (44 किमी/घंटा) की गति से चल सकती है.

इस पनडुब्बी पर आठ लांच ट्यूब होंगे.

परमाणु मिसाइलों से लैस पनडुब्बी आईएनएस अरिघात 750 किमी. रेंज वाली 24के-15 सागरिका मिसाइलों या 3,500 किमी. की रेंज वाली 8के-4 मिसाइल तक ले जा सकती है.

मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड में बनाई जाएंगी ये 3 पनडुब्बियां

समुद्र के अंदर नौसेना की ताकत बढ़ाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए भारत 3 कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियां हासिल करेगा. इस साल के अंत तक तीनों पनडुब्बियां नौसेना के लिए बननी शुरू हो जाएंगी. ये पनडुब्बियां मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड में बनाई जाएंगी. इस परियोजना में इन पनडुब्बियों के निर्माण में फ्रेंच नेवल ग्रुप मदद कर रहा है. मझगांव डॉकयार्ड में बनने वाली अतिरिक्त पनडुब्बियों में 60 प्रतिशत तक भारतीय सामग्री होगी.