India-China Standoff / चीनी सेना भारत के सामने हुई फ्लॉप, क्या होगी शी जिनपिंग की अगली चाल

चीन में, "एक और क्रूर शुद्धिकरण" होने वाला है। शासक शी जिनपिंग, जो पहले से ही "सुधार" अभियान और शत्रुओं के बड़े पैमाने पर सफाए के साथ कम्युनिस्ट पार्टी में उलट-पलट कर रहे हैं। अब उन्होंने हाल ही में भारतीय क्षेत्र में हाई-प्रोफाइल घुसपैठे कराने के बाद अपना भविष्य खतरे में डाल लिया है।। शी के लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि वह भारत के लिए उठाए गये इन आक्रामक कदमों के "वास्तुकार" हैं

News18 : Sep 14, 2020, 06:30 AM
नई दिल्ली। चीन (China) में, "एक और क्रूर शुद्धिकरण" होने वाला है। शासक शी जिनपिंग (Xi Jinping), जो पहले से ही "सुधार" अभियान और शत्रुओं के बड़े पैमाने पर सफाए के साथ कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) में उलट-पलट कर रहे हैं। अब उन्होंने हाल ही में भारतीय क्षेत्र में हाई-प्रोफाइल घुसपैठे कराने के बाद अपना भविष्य खतरे में डाल लिया है। शी के लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि वह भारत के लिए उठाए गये इन आक्रामक कदमों के "वास्तुकार" हैं और इसमें उनकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अप्रत्याशित रूप से फ्लॉप हो गई है। भारतीय सीमा (Indian Boarder) पर चीनी सेना की विफलताओं के अपने परिणाम होंगे। शुरुआती तौर पर शी इस मौके का फायदा उठाते हुए सशस्त्र बलों (Armed Security) में विरोधियों की जगह अपने वफादार लोगों को लाने के काम को गति देने के लिए शी को एक बहाना दिया है। ऐसे में कुछ लोगों को सजा मिलना तय है।

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि ये असफलताएं चीन China) के आक्रामक शासक को- जो पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष के रूप में, PLA के नेता भी हैं को भारत पर एक और आक्रामक हमले के लिए प्रेरित करती हैं। मई की शुरुआत से ही चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के दक्षिण में बढ़ी है। LAC दोनों दिग्गज देशों के बीच अस्थायी सीमा है, जिसपर मुख्य रूप से हिमालय के ऊंचाई वाले इलाके लद्दाख में तीन अलग-अलग क्षेत्रों में चीन आगे बढ़ा है। सीमा अच्छी तरह से परिभाषित नहीं है और वर्षों से चीनी सैनिक भारतीय-नियंत्रित क्षेत्र में घुसते रहे हैं। विशेष रूप से नवंबर 2012 में शी के पार्टी महासचिव बनने के बाद से इन गतिविधियों में तेजी आई है।

रूस ने दिया था चीन की कार्रवाई न होने का अनुसान

मई की घटनाओं ने भारत को आश्चर्यचकित कर दिया। जैसा कि फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डिमॉक्रैसीज़ के क्लियो पास्कल ने न्यूज़वीक को बताया, अप्रैल में रूस ने भारत को आश्वासन दिया था कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चल रहे चीनी सैन्य प्रयास सीमा के पार भारत पर किसी कार्रवाई के लिए कदम की तैयारी नहीं थी।

हालांकि शी जिनपिंग ने अभी तक किसी लड़ाई में अपनी सेना का प्रदर्शन नहीं किया है, जो एक लानत की बात है।

अन्य राष्ट्र यह नोटिस करेंगे कि चीन की सेना में कमी है। पीएलए (PLA) अपनी कुल क्षमता को जोड़ने से आने वाली संख्या से कम क्यों है? यह सेना के संचालन के अत्यधिक राजनीतिक नियंत्रण के चलते हो सकता है- एक ऐसी समस्या जो सभी कम्युनिस्ट सेनाओं में होती है- या यह कुछ और है। फिर भी भारतीय सेना के चारों ओर धकेलने की विफलता का मतलब है कि शी की किसी को डराने की क्षमता बहुत कम हो गई है। दुर्भाग्य से जिनपिंग चीन के वो नेता हैं, जो अजेय दिखते थे, लेकिन अब उन्हें साबित करना पड़ रहा है। नतीजतन वह भारत को तोड़ने के लिए एक और प्रयास शुरू करके अपने को साबित करने पर तुले हुए है।