News18 : Jul 28, 2020, 07:33 AM
बीजिंग। अमेरिका (US), ऑस्ट्रेलिया (Austraalia) और कई अन्य देश कोरोना संक्रमण (Coronavirus) को लेकर चीन (China) के देरी से चेतावनी जारी करने को लेकर खासे नाराज़ रहे हैं। अब चीन के एक और डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि जिनपिंग सरकार ने न सिर्फ काफी वक़्त तक इस संक्रमण के फैलने की बात छुपाई बल्कि सबूत भी मिटा दिए। आरोप लगाने वाले प्रोफेसर क्वॉक-युंग युन (Professor Kwok-Yung Yuen) ने वुहान (Wuhan) के अंदर जांच करने में मदद की थी। उनके मुताबिक न सिर्फ सबूतों को मिटाया गया बल्कि क्लीनिकल फाइंडिग के रिस्पांस को भी धीमा कर दिया गया।
युंग युन ने दावा किया है कि कोरोना महामारी को लेकर चीनी प्रशासन ने अहम जानकारियां छिपाई। जांचकर्ताओं के वुहान की मार्केट में डॉक्टर्स का जांच दल पहुंचने से पहले ही सारे सबूत मिटा दिए थे। माना जाता है कि वायरस हुनान मार्केट से फैला। लेकिन प्रोफेसर युन कहते हैं कि जब जांचकर्ता इस मार्केट में पहुंचे तो उन्होंने पाया कि स्थानीय प्रशासन पहले ही इलाक़े को डिसइन्फेक्ट कर चुका था। कोरोना वायरस की उत्पत्ति के अहम सबूत मिटा दिए गए थे। प्रोफेसर युन ने कहा, 'जब हम हुनान मार्केट गए तो वहां देखने के लिए कुछ भी नहीं था क्योंकि मार्केट पहले ही साफ़ कर दिया गया था। तो आप कह सकते हैं कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ की गई थी क्योंकि सीफूड मार्केट को पूरी तरह साफ कर दिया गया, जिससे हम यह पता नहीं लगा सके कि किस जानवर से यह वायरस आम आदमी तक पहुंचा।वुहान में कुछ छुपाया जा रहा है!प्रोफेसर युन ने आगे कहा, 'मुझे शक़ है कि वो वुहान में कुछ छिपा रहे हैं। जिन स्थानीय अधिकारियों को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए थी, उन्हें जल्द से जल्द ये जानकारी देने की अनुमति नहीं दी गई।' उनका मानना है कि सबसे अहम वक़्त तो जनवरी में ही बीत चुका था, क्योंकि तबतक चीनी प्रशासन ने माना ही नहीं था कि वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल रहा है। प्रोफेसर ने एक इंटरव्यू में बताया कि इलाके में बढ़ते मामलों को लेकर वुहान की धीमी कार्रवाई से हमें शक हुआ था कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारी जिन्हें तत्काल मामले को गंभीरता से लेना चाहिए था, उन्होंने इसमें लापरवाही बरती।Chinese doctor who diagnosed early COVID-19 cases says scale of outbreak covered up https://t.co/Fl7pMTfLW1
— Daily Mail Online (@MailOnline) July 27, 2020